प्रसव पीड़िता की मौत पर हंगामा

जिला महिला अस्पताल उत्तरकाशी में एक प्रसव पीड़ित महिला की मौत होने पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा। स्वजन ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाकर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक का घेराव भी किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 05:24 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 10:51 PM (IST)
प्रसव पीड़िता की मौत पर हंगामा
प्रसव पीड़िता की मौत पर हंगामा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिला महिला अस्पताल उत्तरकाशी में एक प्रसव पीड़ित महिला की मौत होने पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा। स्वजन ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाकर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक का घेराव भी किया। साथ ही लापरवाही बरतने के आरोपित चिकित्सकों को खरीखोटी सुनाई। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एसडी सकलानी का कहना है कि गर्भवती को बचाने का पूरा प्रयास किया गया। ब्लड की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी। लेकिन, प्रसव के बाद यूट्रस सिकुड़ जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जो महिला की मौत की वजह बना।

डुंडा ब्लाक के छमरोली गांव की गर्भवती आशा देवी की प्रसव की तिथि आने पर रविवार सुबह को स्वजन ने उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया। सामान्य प्रसव न होने की बात कहकर महिला अस्पताल के चिकित्सकों ने रविवार की सुबह दस बजे आशा देवी का ऑपरेशन के जरिये प्रसव कराया। आशा देवी ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। लेकिन, आपरेशन के बाद जब आशा देवी होश में आई तो दर्द से तड़पने लगी। महिला के पति प्रवीण नौटियाल ने बताया कि तीन बजे वह महिला चिकित्सक को बुलाने के लिए गया, तब जाकर चिकित्सक रात नौ बजे आई। फिर चिकित्सकों ने रविवार रात को यूट्रस का ऑपरेशन करने की बात कही। लेकिन, इस आपरेशन के होते ही प्रसव पीड़िता महिला ने दम तोड़ दिया। इसी घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण सोमवार सुबह जिला महिला अस्पताल पहुंचे। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक का घेराव किया। महिला अस्पताल में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया तथा चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। गौरतलब है कि 10 सितंबर को स्याबा गांव की एक गर्भवती महिला को जिला अस्पताल से हायर सेंटर देहरादून के लिए रेफर किया था, जिसकी मौत देहरादून जाते समय डुंडा के पास हुई थी।

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