महिला सशक्तीकरण का संदेश दे रही श्रुति और सविता

स्वच्छ हिमालय अखंड हिमालय और महिला सशक्तीकरण का संदेश लेकर साइकिलिग पर निकली बिहार और उत्तराखंड की दो बेटियां रविवार को हिमाचल प्रदेश से होते हुए उत्तरकाशी जनपद में पहुंची।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 10:03 PM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 10:03 PM (IST)
महिला सशक्तीकरण का संदेश दे रही श्रुति और सविता
महिला सशक्तीकरण का संदेश दे रही श्रुति और सविता

संवाद सूत्र, पुरोला: स्वच्छ हिमालय, अखंड हिमालय और महिला सशक्तीकरण का संदेश लेकर साइकिलिग पर निकली बिहार और उत्तराखंड की दो बेटियां रविवार को हिमाचल प्रदेश से होते हुए उत्तरकाशी जनपद में पहुंची। इनमें उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक के गोरसाली गांव की श्रुति रावत के साथ बिहार के छपरा जनपद निवासी सविता महतो शामिल हैं। उनके साइकिल अभियान की शुरुआत भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित अटारी बॉर्डर से हुआ था, जो अरुणाचल प्रदेश के भारत-चीन सीमा स्थित तवांग बॉर्डर पर होगा।

अभियान के 18वें दिन शनिवार को हिमाचल होते हुए ये बेटियां उत्तरकाशी जनपद के आराकोट पहुंची। जहां से देहरादून जनपद के त्यूणी हनोल होते हुए उत्तरकाशी के मोरी और फिर पुरोला पहुंची, जहां स्थानीयजनों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। श्रुति रावत ने बताया कि उन्होंने दो फरवरी को अटारी बॉर्डर से अपना साइकिलिग अभियान शुरू किया था। श्रुति ने बताया कि पुरोला तक उन्होंने 1100 किलोमीटर की दूरी तय कर दी है। सविता महतो ने बताया कि स्वच्छ हिमालय, अखंड हिमालय तथा महिला सशक्तीकरण के संदेश के साथ यह अभियान उत्तराखंड, सिक्किम, दार्जिलिग, असम, अरुणाचल प्रदेश के अलावा नेपाल तक लक्ष्य तय करेगी। उन्होंने बताया कि वे एक दिन में 60 से 80 किलोमीटर की दूरी तय कर लेते हैं। सविता महतो ने बताया कि उसने 2017 में भारत के 29 राज्यों में साइकिलिग की। 21 वर्ष की उम्र में वह साहसिक कार्य के लिए दो विश्व रिकॉर्ड के साथ 2018 में पावरफुल वूमैन ऑफ एशिया का अवार्ड भी अपने नाम कर चुकी हैं। स्वागत करने वालों में निकेंद्र नेगी, राधेकृष्ण उनियाल, वीरेंद्र सिंह चौहान, गजेंद्र सिंह, सचिन नौटियाल आदि मौजूद थे।

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