अन्य स्थानों पर भी करें कूड़ा निस्तारण स्थलों की तलाश

भागीरथी ईको सेंसटिव जोन क्षेत्र में तिलोथ में बनाए जा रहे कूड़ा निस्तारण स्थल के निर्माण का मामला उलझता जा रहा है। भागीरथी ईको सेंसटिव जोन की मानिटरिग कमेटी और नमामि गंगे राष्ट्रीय स्वछ गंगा मिशन ने जिलाधिकारी को कूड़ा निस्तारण स्थल के निर्माण के लिए स्थानीय ग्रामीणों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 03:00 AM (IST)
अन्य स्थानों पर भी करें कूड़ा  निस्तारण स्थलों की तलाश
अन्य स्थानों पर भी करें कूड़ा निस्तारण स्थलों की तलाश

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : भागीरथी ईको सेंसटिव जोन क्षेत्र में तिलोथ में बनाए जा रहे कूड़ा निस्तारण स्थल के निर्माण का मामला उलझता जा रहा है। भागीरथी ईको सेंसटिव जोन की मानिटरिग कमेटी और नमामि गंगे राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने जिलाधिकारी को कूड़ा निस्तारण स्थल के निर्माण के लिए स्थानीय ग्रामीणों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अन्य स्थानों पर भी कूड़ा निस्तारण के लिए छोटे-छोटे स्थान तलाशने को कहा है।

उत्तरकाशी में कूड़ा निस्तारण की समस्या लंबे समय से बनी है। प्रशासन व नगर पालिका कूड़ा निस्तारण स्थल का निर्माण अभी तक नहीं कर पाई है। प्रशासन ने पालिका को तिलोथ के पास एक स्थान चयनित करके दिया, जहां पालिका कूड़ा निस्तारण स्थल का निर्माण कर रहा है। लेकिन, इस स्थल का तिलोथ सहित आसपास के ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों ने निर्माण को रोकने के लिए हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की हुई है। इसके साथ ही एनजीटी और नमामि गंगे राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को भी शिकायत की। जिसके बाद यह मामला भागीरथी ईको सेंसटिव जोन की मानिटरिग कमेटी के पास गया। सोमवार को इस मुद्दे पर मानिटरिग कमेटी के अध्यक्ष सहित जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, कमेटी के सदस्य व नमामि गंगे परियोजना के अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये बैठक भी हुई। कमेटी की सदस्य शांति परमार ने बताया कि बैठक में कमेटी ने अपना पक्ष रखा है। इसमें पूरे शहर के कूड़े का निस्तारण स्थल एक स्थान के बजाय हर वार्ड में बनाया जाए। वहीं, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि तिलोथ में कूड़ा निस्तारण स्थल का मामला कोर्ट में चल रहा है। प्रशासन कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा। मानिटरिग कमेटी की बैठक में यह तय हुआ कि पालिका क्षेत्र में अन्य स्थानों पर भी छोटे-छोटे कूड़ा स्थलों का चयन किया जाएगा। जहां कूड़े की छंटाई होगी। जिससे एक ही स्थान पर अधिक कूड़ा जमा नहीं होगा। इसके साथ ही ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें जागरूक किया जाएगा।

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