ये है फुटबालर बेटियों की सफलता की निधि

शैलेंद्र गोदियाल उत्तरकाशी सीमांत जनपद में बेटी बचाओ और बेटी खिलाओ को उप क्रीड़ाधिक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 03:00 AM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 03:00 AM (IST)
ये है फुटबालर बेटियों की सफलता की निधि
ये है फुटबालर बेटियों की सफलता की निधि

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी : सीमांत जनपद में 'बेटी बचाओ और बेटी खिलाओ' को उप क्रीड़ाधिकारी निधि बिजोला खास पहचान दे रही हैं। निधि ने जिन बालिकाओं को फुटबाल की बारीकियां बताकर तराशा है, वह बालिकाएं अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ा रही हैं। दो बालिकाओं का चयन फुटबाल क्लब के लिए हो गया है। एक बालिका इंडिया वुमेन लीग टीम के ट्रायल देने को जा रही और एक का चयन बीपीएड के लिए सरकारी कोटे से हो गया है। तीन बालिकाओं का चयन गत वर्ष इंडिया महिला फुटबाल कैंप के लिए हुआ था। यह चयन कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण स्थगित हुआ। लेकिन, निधि बिजोला ने अपने अनुभव और ज्ञान के बूते फुटबालर बालिकाओं के हौसले को कम नहीं होने दिया। बल्कि बालिकाओं को लगातार अभ्यास कराती रही।

निधि बिजोला उत्तरकाशी में जिला क्रीड़ाधिकारी हैं, वह मनेरा स्टेडियम में 15 से अधिक बालिकाओं को फुटबाल की बारीकियां सीखाकर उन्हें बेहतरीन फुटबालर बना रही हैं। निधि बिजोला इन फुटबालर बालिकाओं की सफलता को ही अपनी सबसे बड़ी निधि मानती हैं। निधि बिजोला का यहां तक पहुंचने का सफर चुनौतियों भरा रहा है। पौड़ी जनपद के कोटद्वार निवासी निधि बिजोला को खेल के लिए उनके पिता वाचस्पति बिजोला (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से सेवानिवृत) प्रेरित किया। पिता से प्रेरित होकर निधि ने 2007 में पढ़ाई के साथ फुटबाल खेल की राह चुनी। फुटबाल स्कूल नेशनल, विवि नेशनल, अंडर 17 नेशनल, अंडर 19 नेशनल, सीनियर नेशनल में बतौर उत्तराखंड टीम कैप्टन प्रतिभाग किया। विवि नेशनल में निधि ने दयालबाग विवि के खिलाफ दिल्ली में छह गोल दागे तथा अपनी प्रतिभा को जौहर दिखाया। 2008 में इंडिया कैंप के लिए भी निधि का नाम चयनित हुआ। पर, कुछ कारणों से निधि कैंप ज्वाइन नहीं कर पाई। 2014 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पो‌र्ट्स (एनआइएस) से डिप्लोमा करने के बाद निधि ने कोटद्वार व देहरादून में बालिकाओं को फुटबाल की कोचिग दी।

2016 में उत्तरकाशी में महिला फुटबाल आवासीय हास्टल शुरू हुआ। शासन स्तर से निधि को संविदा पर यहां प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी दी गई। 2018 में शासन ने बतौर उप क्रीड़ाधिकारी भर्ती निकाली। जिसमें परीक्षा पास कर निधि की उप क्रीड़ाधिकारी के पद पर स्थाई नियुक्ति हुई। वर्तमान में निधि बिजोला जिला क्रीड़ाधिकारी की जिम्मेदारी के साथ बालिकाओं को फुटबाल की बारीकियां भी सीखा रही हैं।

उत्तरकाशी को दिलाया सुब्रतो कप

उत्तरकाशी : निधि बिजोला कहती हैं कि दिसंबर 2016 में उनकी टीम ने उत्तरकाशी को स्कूल बालिका सुब्रतो कप दिलाया। उत्तरकाशी बालिका टीम राज्य स्तर की चैंपियन है। अधिकांश बालिकाएं नेशनल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर चुकी हैं। इन बालिकाओं को डेढ़ घंटे सुबह और ढाई घंटे शाम को ट्रेनिग होती है। इन बालिकाओं की प्रतिभाग को देखकर अन्य बेटियां भी फुटबाल को लेकर प्रेरित हो रही है। अपनी सफलता का श्रेय निधि अपने माता-पिता और अपने कोच को देती हैं।

इन बालिकाओं का हुआ चयन

उत्तरकाशी: निधि बिजोला जिन बालिकाओं को फुटबाल का प्रशिक्षण दिया वे निरंतर आगे बढ़ रही हैं। इनमें दीया राणा का चयन बैंगलुरु फुटबाल क्लब के लिए हुआ है। पल्लवी रावत का चयन मुंबई में एक प्रसिद्ध फुटबाल क्लब में हो गया है। श्रद्धा का चयन लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय, ग्वालियर में बीपीएड के लिए सरकारी कोटे से हो गया है। मनीषा पलडिया बालिका इंडिया वुमेन लीग टीम में ट्रायल देने को जा रही है।

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