कमल सिरांई के 13 गांवों में सावन के मेले की धूम

रामा और कमल सिरांई में ग्रामीण लाल धान की रोपाई और निराई के काम से निपटने के बाद सावन के मेलों में व्यस्त हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:06 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:06 PM (IST)
कमल सिरांई के 13 गांवों में सावन के मेले की धूम
कमल सिरांई के 13 गांवों में सावन के मेले की धूम

संवाद सूत्र, पुरोला: रामा और कमल सिरांई में ग्रामीण लाल धान की रोपाई और निराई के काम से निपटने के बाद सावन के मेलों में व्यस्त हैं। गांव-गांव में ईष्ट देवता शिकारू नाग व मटिया महासू, ओडारू जखंडी में सावन के मेले हो रहे हैं।

कमल सिरांई के जयसाण तोक के 13 गांवों में शिकारू नाग महाराज के मेले की शुरुआत खलाड़ी गांव से हुई। इसके बाद देवडोली नेत्री, दडमाणा, मैराना, करडा, शिकारू व चपटाडी के बाद पुजेली में मेले का समापन होगा। बीती मंगलवार को शिकारू नाग महाराज की डोली दणमाणा से मेहराणा गांव पहुंची। यहां ढोल-दमाऊं के साथ ग्रामीणों ने डोली का स्वागत किया। बुधवार को दिनभर बारिश के बावजूद ग्रामीणों ने पारंपरिक रूप से स्थानीय पकवान बनाए और रांसो-तांदी नृत्य पर जमकर झूमे। जयसाण तोक के सयाणा सरदार सिंह रावत ने बताया कि क्षेत्र में लाल धान की रोपाई और निराई के बाद दो सप्ताह तक चलने वाले सावन के मेले की शुरुआत जागमाता खलाड़ी से हुई। जबकि, मेले का समापन देवता के थान पुजेली में होगा। खलाड़ी गांव के रावत जाति के ग्रामीण देवता के वजीर होते हैं। वहीं, देवता के थान पुजेली गांव के नौटियाल जाति के ग्रामीण देवता के पुजारी हैं, जो मेले सहित मंदिर में देवता की हमेशा पूजा-अर्चना करते हैं। मेले में थोकदार व मंदिर समिति अध्यक्ष जवाहर सिंह रावत, जगमोहन सिंह रावत, फकीर चंद, रविंद्र सिंह, राम नारायण सिंह, पुजारी श्यालिकराम नौटियाल, मोहन लाल आदि देवता की डोलियों के साथ ही गांव-गांव भ्रमण कर रहे हैं। वहीं रामा सिरांई के 18 गांवों में भी दो अगस्त से मटिया महासू ओडारू जखंडी देव डोलिया कुमोला पुजेली थान से छाडा गांव पहुंचेगी, जहां से सप्ताहभर चलने वालें मेलों की शुरुआत होगी।

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