बिना पास यमुनोत्री जा रहे 80 से अधिक यात्रियों को पुलिस ने रोका, हंगामा कर राजमार्ग पर लगाया जाम

यमुनोत्री धाम यात्रा के लिए आए 80 से अधिक यात्रियों ने डामटा चौक के पास हंगामा किया। इन सभी यात्रियों के पास आनलाइन पास नहीं थे। पुलिस के रोकने पर यात्रियों ने यमुनोत्री राजमार्ग पर जाम लगाया। डामटा से बड़कोट तक आने की अनुमति के बाद यात्रियों ने जाम खोला।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 10:45 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 10:45 PM (IST)
बिना पास यमुनोत्री जा रहे 80 से अधिक यात्रियों को पुलिस ने रोका, हंगामा कर राजमार्ग पर लगाया जाम
यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए आए 80 से अधिक यात्रियों ने डामटा चौक के पास हंगामा किया।

संवाद सूत्र, डामटा: यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए आए 80 से अधिक यात्रियों ने डामटा चौक के पास हंगामा किया। इन सभी यात्रियों के पास आनलाइन पास नहीं थे। पुलिस के रोकने पर यात्रियों ने यमुनोत्री राजमार्ग पर जाम लगाया। डामटा से बड़कोट तक आने की अनुमति के बाद यात्रियों ने जाम खोला। भले सभी यात्रियों को बड़कोट से आगे नहीं जाने दिया गया।

आफलाइन पास देने पर सोमवार को निर्णय लिया जाना है। बड़कोट उप जिलाधिकारी शालिनी नेगी ने बताया कि 15 से 20 गाडिय़ां डामटा में पुलिस ने रोकी गई थी, क्योंकि देवस्थानम बोर्ड की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 16 अक्टूबर तक यमुनोत्री धाम की यात्रा पूर्ण रूप से ई-पास के ज़रिये बुक हो चुके हैं। ऐसे में आने वाले तीर्थ यात्रियों के पास ई-पास होंगे, उन्हीं को जाने की अनुमति होगी। इस संबंध में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया जा चुका है। उनके मुताबिक डीआइजी और शासन को अवगत करा दिया गया है। जाम लगाने वाले यात्रियों को डामटा में समझा-बुझाकर उच्चाधिकारियों की अनुमति से बड़कोट तक लाया गया है, लेकिन बड़कोट से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। बड़कोट से आगे वह तभी जा पाएंगे जब उनके प्रापर ई-पास की जांच हो जाएगी।

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मनोज की याद में फोटो प्रदर्शनी

श्रीनगर गढ़वाल में युवा शिक्षक मनोज कंडियाल की प्रथम पुण्य तिथि पर मनोज की यादों का कारवां को लेकर नगरपालिका सभागार में रंगकर्मियों और संस्कृति प्रेमियों ने उनके जीवन से सम्बन्धित फोटो प्रदर्शनी लगायी। उनको श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनकी स्मृति में शिक्षकों और रंगकर्मियों द्वारा बेस अस्पताल में भर्ती मरीजों को फल भी वितरित किए गए। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि युवा शिक्षक मनोज कंडियाल संस्कृति प्रेमी होने के साथ ही लेखक और विचारक भी थे।

बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी मनोज ने अल्पकाल में ही संस्कृति और रंगमंच को लेकर उल्लेखनीय कार्य भी किए। इस मौके पर उपेंद्र भट्ट, महेश गिरी, विपिन रौथाण के साथ ही रंगकर्मी परवेज अहमद, डा. प्रदीण अणथ्वाल, सत्यजीत खंडूड़ी, जयकृष्ण पैन्यूली, देवेंद्र उनियाल, नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी ने मनोज कंडियाल को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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