जिले में नौ सहकारी समिति बंद, किसान हुए परेशान
जागरण संवाददाता उत्तरकाशी सहकारिता विभाग उत्तरकाशी जिले में नौ सहकारी समितियां (मिन
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : सहकारिता विभाग उत्तरकाशी जिले में नौ सहकारी समितियां (मिनी बैंक) बंद कर निकटवर्ती न्याय पंचायत की समितियों में संबद्ध कर दी हैं। इस कारण किसानों को खाद और बीज के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है।
प्रधान संगठन के प्रदेश महासचिव एवं जिला प्रधान संगठन के अध्यक्ष प्रताप रावत ने इस मुद्दे को उठाया है। साथ ही जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार से मांग की है कि जो समितियां बंद की गई हैं उन्हें फिर संचालित किया जाए। प्रताप रावत ने कहा कि मिनी बैंक के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिग सुविधा के साथ किसानों को समय पर खाद और बीज उपलब्ध कराने के दावों पर सरकारी सिस्टम ही पलीता लगा रहा है। भटवाड़ी ब्लाक में केल्सू सहकारी समिति को नेताला की सहकारिता समिति में संबद्ध किया गया है। इससे केल्सू घाटी के ग्रामीणों को नेताला आने के लिए 24 किलोमीटर अधिक तय करने पड़ रहे हैं। ग्रामीणों को दो बार वाहन भी बदलने पड़ रहे हैं। मनेरी की सहकारी समिति को सौरा की सहकारिता समिति में मर्ज किया गया है। यहां ग्रामीणों को 11 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। भटवाड़ी की सहकारी समिति को बार्सू की सहकारिता समिति में संबद्ध किया गया। डुंडा ब्लाक में बगसारी और पटारा समिति को बंद किया गया। चिन्यालीसौड़ ब्लाक में बणगांव समिति को बंद कर दिया गया। जबकि मोरी में सांकरी, डोभालगांव और माकुड़ी सहकारी समिति बंद कर दी हैं। जिससे ग्रामीणों को लेने देन करने, फसल के लिए ऋण लेने, खाद, बीज खरीदने के लिए खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, जिला सहायक निबंधक नरेंद्र रावत ने बताया कि सहकारी समितियों को बंद करने का निर्णय शासन स्तर से हुआ है। समितियों का संचालन फिर से यथा स्थान पर करने के लिए स्थानीयजन का मांग पत्र शासन को भेजा जाएगा।