उत्तरकाशी के निम ने छुआ उपलब्धियों का पहाड़

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी ने कई उपलब्धियों का पहाड़ छुआ है। निम के आठ सदस्यीय पर्वतारोही दल ने पहली बार 21 मई 2009 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी (एवरेस्ट) का सफल आरोहण किया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 11:09 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 11:09 PM (IST)
उत्तरकाशी के निम ने छुआ उपलब्धियों का पहाड़
उत्तरकाशी के निम ने छुआ उपलब्धियों का पहाड़

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी ने कई उपलब्धियों का पहाड़ छुआ है। निम के आठ सदस्यीय पर्वतारोही दल ने पहली बार 21 मई 2009 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी (एवरेस्ट) का सफल आरोहण किया था। अब जिम (जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिग )के साथ निम की टीम ने एवरेस्ट का सफल आरोहण कर एक और उपलब्धि अपने नाम दर्ज की है। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट कहते हैं कि पर्वतारोहण के क्षेत्र में निम की उपलब्धियों और कीर्तिमान का पता इससे चलता है कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर देश-विदेश के 80 से अधिक पर्वतारोही एवरेस्ट का सफल आरोहण कर चुके हैं।

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की स्मृति में 14 नवंबर 1964 को उत्तरकाशी में निम की स्थापना की गई थी। 1975 में सर एडमंड हिलेरी भी उत्तरकाशी निम में पहुंचे थे। एडमंड हिलेरी ने भी निम संस्थान की प्रशंसा की थी। निम संस्थान के उत्तरकाशी में स्थापित होने का असर यह रहा कि यहां से भी पर्वतारोहियों की लंबी फेहरिस्त निकली। एवरेस्ट का सफल आरोहण करने वाले पर्वतारोहियों में 16 पर्वतारोही केवल उत्तरकाशी जनपद के हैं। इनमें भारत की प्रथम एवरेस्ट विजेता महिला बछेंद्री पाल समेत चार महिलाएं भी शामिल हैं। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने एवरेस्ट और शीशा पांग्मा समेत तीन दर्जन से अधिक चोटियों पर तिरंगा लहरा चुका है। इस संस्थान में चलने वाले एडवेंचर, बेसिक, एडवांस, सर्च एंड रेस्क्यू और मैथड ऑफ इंस्ट्रक्शन कोर्स सहित कई स्पेशल, रॉक क्लाइंबिग और स्कीइंग कोर्स में करीब 31 हजार देशी-विदेशी पर्वतारोही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स कराने वाला यह एशिया का इकलौता संस्थान है। --------------- उत्तरकाशी के एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही

बछेंद्री पाल नाकुरी उत्तरकाशी (1984)

सविता मर्तोलिया नाकुरी उत्तरकाशी (1993)

सुमन कुटियाल उत्तरकाशी (1993)

भगत सिंह उत्तरकाशी (2005)

विश्वेश्वर सेमवाल (विष्णु) लदाणी (2009)

दशरथ सिंह रावत बौंगा (2009)

खुशाल सिंह राणा, कोटियालगांव (2009)

सतल सिंह धराली (2009)

विनोद गुसाईं कोटी (2009)

राजेंद्र पाल नाकुरी (2012)

संदीप टोलिया नाकुरी (2018)

पूनम राणा नाल्ड (2018)

रवि चौहान बाड़ाहाट (2018)

कर्नल अमित बिष्ट, प्रधानाचार्य निम (2021)

हवालदार अनिल कुमार निम (2021)

दीप साही निम (2021)

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