नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने तैयार किया ऐसा म्‍यूजियम, जहां रोचक ढंग से उकेरा गया पहाड़ की लोक कथाओं को

उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने एक ऐसा म्यूजियम तैयार किया है जहां पहाड़ की लोक कथाओं को रोचक ढंग से उकेरा गया है। साथ ही तकनीकी के जरिये हिमालय की चोटियों नदियों पर्वतारोहियों जैव विविधता को दिखाया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 12:49 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 12:49 PM (IST)
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने तैयार किया ऐसा म्‍यूजियम, जहां रोचक ढंग से उकेरा गया पहाड़ की लोक कथाओं को
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी में तैयार किया अत्याधुनिक संग्रालय (म्यूजियम)।

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी में पौराणिक धरोहर और पौराणिक संस्कृति का अत्याधुनिक म्यूजियम तैयार हुए एक वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। कोरोना संक्रमण के कारण इसका लोकार्पण अभी तक नहीं हो पाया। उम्मीद है कि जल्द ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इसका लोकार्पण करेंगे। इस म्यूजियम का उद्घाटन पहले गत मार्च 2020 में होना तय था। लेकिन, कोरोना संक्रमण के कारण राष्ट्रपति का कार्यक्रम रद किया था।

निम उत्तरकाशी में म्यूजियम के भवन का निर्माण मार्च 2016 में शुरू हुआ। यह संग्रहालय करीब 15 करोड़ की लागत से तैयार हो गया है। इसमें तीन भवन हैं, एक भवन दो मंजिला बनाया गया है। इस भवन के अंदर अत्याधुनिक तरीके से चारधाम के मंदिर भी बनाए गए हैं।

संग्रहालय का बाहरी ढांचा देवदार की लकड़ी और पत्थर की पटालों से पहाड़ी शैली में बनाया गया है। जिसमें उत्तराखंड के पहाड़ की लोक कथाओं को उकेरा गया है। जबकि अंदरूनी हिस्से में इसके विपरीत अत्याधुनिक 3डी, 4डी पेंटिंग, होलोग्राफिक, लेजर किरणों, कंप्यूटरीकृत, आडियो-वीडियो तकनीक शामिल की गई है।

इन तमाम तकनीकियों के जरिये आमजन को हिमालय की चोटियों, नदियों, पर्वतारोहियों, जैव विविधता, पुरातत्व सामान, पहाड़ी संस्कृति की जानकारी रोचक ढंग से मिल सकेगी। इन संग्रहालय भवन के निर्माण के लिए प्रसिद्ध वास्तुकारों ने बेहतरीन डिजाइन तैयार किए है। इसके अलावा मोरी क्षेत्र के स्थानीय पहाड़ी कारीगरों ने भवन में लगी लकड़ियों पर सुंदर नक्काशी की है।

संग्रहालय भवन में हर पत्थर को तराश कर लगाया गया है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी में पौराणिक धरोहर और पौराणिक संस्कृति का अत्याधुनिक संग्रहालय (म्यूजियम) का लोकार्पण करने के लिए 23 मार्च 2020 को राष्ट्रपति डा. राम नाथ कोविंद का कार्यक्रम तय हुआ था। लेकिन, कोविड के कारण संग्रहालय का लोकार्पण कार्यक्रम रद हुआ।

निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि यह संग्रहालय देश के संग्रहालयों में सबसे अलग और खास है। इस संग्रहालय भवन में एक-एक पत्थर को तराशा और देवदार की लकड़ी पर शानदार नक्काशी कर लगाया गया है। इसको हिमालय संग्रहालय का नाम दिया गया है।

संग्रहालय का बाहरी ढांचा देवदार की लकड़ी और पत्थर की पटालों से पहाड़ी शैली में बनाया गया है। जिसमें उत्तराखंड के पहाड़ की लोक कथाओं को उकेरा गया है। संग्रहालय में तीन भवन बनाए गए हैं जिनमें से एक भवन दो मंजिला बनाया गया है। इस भवन के अंदर अत्याधुनिक तरीके से गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ, केदारनाथ के मंदिर भी बनाए गए हैं।

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