15 घोड़ों में सजकर निकली भगवान राम की बरात

जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर डुंडा ब्लाक के कमद गांव में रामलीला का आयोजन च लरहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Nov 2020 05:25 PM (IST) Updated:Mon, 09 Nov 2020 07:34 PM (IST)
15 घोड़ों में सजकर निकली भगवान राम की बरात
15 घोड़ों में सजकर निकली भगवान राम की बरात

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर डुंडा ब्लाक के कमद गांव में राम-सीता विवाह का पारंपरिक तरीके से भव्य आयोजन हुआ। इसमें स्थानीय वाद्य यंत्रों की धुन पर भगवान राम की बरात निकली। राम-लक्ष्मण सहित 15 खास मेहमानों के लिए घोड़ों का इंतजाम किया गया। बरात में परंपरा के अनुसार स्थानीय देवता की डोली ने बरात का नेतृत्व किया। बरात में शामिल युवाओं और बच्चों ने नृत्य भी किया। गांव से एक किलोमीटर दूर एक व्यक्ति के घर पर घरातियों ने बरातियों का भव्य स्वागत किया।

उत्तरकाशी धौंतरी बुढ़ाकेदार मोटर मार्ग पर स्थिति कमद गांव में रामलीला का आयोजन चल रहा है। गांव में ग्रामीण खेती-किसानी का काम समाप्त कर हर वर्ष अपनी सहूलियत के अनुसार रामलीला का आयोजन करते हैं, जिसमें पूरे गांव के ग्रामीणों के अलावा आसपास के ग्रामीण भी भाग लेते हैं। शनिवार रात को रामलीला में धनुष खंडन का मंचन हुआ। रविवार सुबह बरात का आयोजन हुआ। रामलीला मंच से पूरी तैयारी के साथ बरात निकली। गांव के नारायण दत्त डिमरी ने बरात का भव्य स्वागत किया। उन्होंने सभी मेहमानों को चाय पानी और नाश्ता दिया। साथ ही तिलक के साथ दक्षिणा भी भेंट की गई। मंत्रोच्चार के साथ विवाह की रस्म संपन्न हुई सभी बरातियों और घरातियों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई। इसके बाद विदाई समारोह संपन्न हुआ। इस बरात में शामिल हुए गढ़वाल मंडल विकास निगम के डायरेक्टर लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि भगवान राम के प्रति ग्रामीणों की अटूट आस्था है। पूरा विवाह परंपरा के अनुसार हुआ है। यह बरात अद्भुत और अकल्पनीय थी। कमद के कैलाश नेगी कहते हैं कि हर वर्ष भगवान राम के विवाह में जनक की भूमिका निभाने में हर परिवार आगे आता है। ग्रामीणों की आस्था है कि जो भी परिवार बरात का स्वागत सत्कार करता है भगवान राम उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं।

chat bot
आपका साथी