जलसंस्थान के लाइनमैन ने उठाई उचित मानदेय की मांग
भटवाड़ी ब्लाक क्षेत्र में आउट सोर्सिंग के तहत तैनात जलसंस्थान के लाइनमैन कर्मियों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ब्लाक प्रमुख विनीता रावत को ज्ञापन दिया।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : भटवाड़ी ब्लाक क्षेत्र में आउट सोर्सिंग के तहत तैनात जलसंस्थान के लाइनमैन कर्मियों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ब्लाक प्रमुख विनीता रावत को ज्ञापन दिया।
ब्लाक मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जलसंस्थान के लाइनमैन ने कहा कि वे जलसंस्थान में 20 से 25 वर्षों से काम कर रहे हैं। उन्हें एक हजार रुपये से लेकर साढ़े तीन हजार रुपये तक ही मानदेय मिल रहा है। जबकि वे पानी की सुचारू आपूर्ति के लिए 24 घंटे तैयार रहते हैं। वह भी तब जब उन्हें विभाग की ओर से कोई भी सरकारी सुविधा नहीं दी जा रही है। ब्लाक प्रमुख को ज्ञापन देते हुए उन्होंने मांग की है कि लाइनमैन का मानदेय 18 हजार रुपये किया जाए। उन्हें आउट सोर्सिंग के माध्यम से हटाकर उपनल के माध्यम से विभाग में रखा जाय, ईपीएफ का अंशदान काटा जाए, बीमा कराया, बरसात में रेनकोट उपलब्ध कराया जाए।
ब्लाक प्रमुख विनीता रावत ने कहा कि जलसंस्थान के लाइनमैन की मांग गंभीर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इसको लेकर वे पेयजल मंत्री से मिलेंगी तथा इन मांगों का उचित समाधान करवाने की कोशिश करेंगी। धरासू बैंड में पेयजल संकट
चिन्यालीसौड़ : गंगा और यमुना घाटी को जोड़ने वाले मुख्य कस्बे धरासू बैंड में पेयजल संकट बना हुआ है। 4 जुलाई से धरासू बैंड के बाजार में पानी की आपूर्ति ठप पड़ी है। स्थानीय व्यापारी जय सिंह बर्तवाल, संतोशी बर्तवाल, मनोज चौहान आदि ने कहा कि जल संस्थान के संज्ञान में पेयजल आपूर्ति ठप का मामला होने के बाद भी आपूर्ति सुचारू नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि तत्काल आपूर्ति सुचारू नहीं की जाती है तो जल संस्थान के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। सड़क की बदहाल स्थिति को लेकर भेजा ज्ञापन
नौगांव: कुवां जरड़ा की क्षेत्र पंचायत सदस्य संगीता चौहान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित किया। इसमें उन्होंने पुरोला विधानसभा की नौगांव ब्लाक के बिल्ला, जरड़ा, छुड़ी, तेड़ा, नरयूंका मोटर मार्ग का डामरीकरण व सुरक्षात्मक कार्य करवाने की मांग की। संगीता चौहान ने कहा कि लोनिवि बड़कोट द्वारा उक्त मोटर मार्ग की कटिग वर्ष 2010-11 में की गई, जो 10 वर्ष बीत जाने पर सड़क का न तो डामरीकरण किया जा रहा न ही कोई सुरक्षात्मक कार्य।