हिमवीरों ने गंगोत्री से शुरू किया साइकिल अभियान

आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने मंगलवार को गंगोत्री धाम से साइकिल अभियान शुरू किया। अभियान यमुनोत्री धाम तक चलेगा। जिसमें पांच किलोमीटर की पैदल ट्रैकिग भी शामिल है। अभियान के साथ आइटीबीपी के हिमवीर स्वछता अभियान भी चलाएंगे और जगह-जगह स्थानीयजनों को जागरूक भी करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 10:50 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 10:50 PM (IST)
हिमवीरों ने गंगोत्री से शुरू  किया साइकिल अभियान
हिमवीरों ने गंगोत्री से शुरू किया साइकिल अभियान

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने मंगलवार को गंगोत्री धाम से साइकिल अभियान शुरू किया। अभियान यमुनोत्री धाम तक चलेगा। जिसमें पांच किलोमीटर की पैदल ट्रैकिग भी शामिल है। अभियान के साथ आइटीबीपी के हिमवीर स्वच्छता अभियान भी चलाएंगे और जगह-जगह स्थानीयजनों को जागरूक भी करेंगे।

मंगलवार को गंगोत्री धाम में आइटीबीपी 35वीं वाहिनी माहिडांडा के हिमवीरों के साइकिल अभियान की शुरुआत आइटीबीपी के सेनानी अशोक सिंह बिष्ट के नेतृत्व में किया गया। स्वतंत्र भारत के अमृत महोत्सव को लेकर सेनानी अशोक सिंह बिष्ट ने साइकिल अभियान में शामिल हुए हिमवीरों को अभियान को लेकर दिशा निर्देश दिए। बिष्ट ने बताया कि साईकिल अभियान में 12 हिमवीर प्रतिभाग कर रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य आमजनों में शारीरिक स्वस्थता के प्रति जागरूक करना, स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और बल में भर्ती होकर राष्ट्र की सेवा करना है। इस अभियान के दौरान अभियान दल की ओर स्वच्छ भारत अभियान के तहत गंगोत्री में फैले हुए कूड़े को एकत्र कर निष्पादित किया गया। सेनानी बिष्ट ने बताया कि साइकिल अभियान दल गंगोत्री से शुरू होकर लोहारीनाग मंदिर, भटवाड़ी, उत्तरकाशी, धरासू, ब्रह्मखाल, राड़ी टॉप, बडकोट, खरादी, जानकी चट्टी और फिर पांच किलोमीटर पैदल यमुनोत्री तक जाएगा। यह अभियान गंगोत्री से यमुनोत्री तक 240 किलोमीटर का है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत यमुनोत्री धाम में भी सफाई चलाया जाएगा। पांच दिनों तक धूमधाम से मनाई गई बूढ़ी दिवाली

संवाद सूत्र, नैनबाग: जौनपुर ब्लाक में पांच दिवसीय बूढ़ी दिवाली धूमधाम से मनाई गई। सोमवार रात्रि को तांदी नृत्य व गीत के साथ दिवाली का समापन हुआ।

इस अवसर पर सामूहिक नृत्य व नाग देवता की पूजा-अर्चना की गई। इन पांच दिनों में ग्रामीण अलग-अलग तरह के पकवान बनाकर एक दूसरों के घरों में पहुंचाते हैं। इन पांच दिनों में पांडव नृत्य, मंडाण, तांदी व रासों नृत्य का आयोजन किया गया। इस बार बूढ़ी दिवाली मनाने के लिए काफी संख्या में ग्रामीण अपने गांव पहुंचे। पूरे उत्साह के साथ पांच दिनों तक दिवाली मनाई गई। जौनपुर क्षेत्र में इस दिवाली को ग्रामीण धूमधाम से मनाते हैं। दिवाली पर गांव से बाहर रहने वाले ग्रामीणों का आपस में मेल-जोल भी हो जाता है।

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