भारी बारिश के बीच बेबस हुईं रेस्क्यू टीम

रविवार रात बादल फटने की घटना से ग्रामीण खौफजदा तो हुए ही। साथ ही जगह-जगह सड़क बंद होने बिजली आपूर्ति और संचार सेवा ठप होने के कारण तंत्र भी बेबस दिखा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 10:48 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 10:48 PM (IST)
भारी बारिश के बीच बेबस हुईं रेस्क्यू टीम
भारी बारिश के बीच बेबस हुईं रेस्क्यू टीम

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: रविवार रात बादल फटने की घटना से ग्रामीण खौफजदा तो हुए ही। साथ ही जगह-जगह सड़क बंद होने, बिजली आपूर्ति और संचार सेवा ठप होने के कारण तंत्र भी बेबस दिखा। तंत्र की बेबसी तब और अधिक बढ़ गई जब बारिश ने थमने का नाम नहीं लिया।

जिला मुख्यालय से डेढ़ किलोमीटर दूर मांडो गांव में तो खोज-बचाव की टीमें सूचना मिलने के आधे घंटे बाद ही पहुंच गई थी। लेकिन, कंकराड़ी गांव के घटना स्थल तक पहुंचने में खोज-बचाव टीम को साढ़े तीन घंटे से अधिक का समय लगा, जबकि जिला मुख्यालय से कंकराड़ी की सड़क मार्ग से दूरी महज 12 किलोमीटर है। लेकिन, जगह-जगह सड़क बंद होने के कारण टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। एनडीआरएफ की टीम ने कंकराड़ी क्षेत्र में सोमवार की शाम को खोज बचाव कार्य शुरू किया। जिसके खतरे के जद में आए घरों में फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला गया।

कुरोली के बचन सिंह चौहान ने बताया कि जब रविवार रात को टीम पहुंची तो बारिश और अंधेरा होने के कारण खोज-बचाव अभियान शुरू नहीं कर पाई। सोमवार को भी टीम को मुस्टिकसौड़ के पास बारिश के थमने का इंतजार करना पड़ा।

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खतरे की जद में आए मकानों को खाली करने के निर्देश

बादल फटने की घटना से कंकराड़ी गांव में जयेंद्र पंवार, मोहन सिंह, बलवीर सिंह, शूरवीर सिंह, सुरेंद्र सिंह, विक्रम सिंह, केशर सिंह, छोटे लाल, धर्म सिंह, राम सिंह, लक्ष्मण सिंह, उत्तम सिंह, गुलाब सिंह, धन सिंह के मकान भूस्खलन की जद में आ गए हैं। इन परिवारों ने अन्य व्यक्तियों के घरों में शरण ली है, जबकि मांडो गांव में 35 से अधिक परिवारों ने गांव में परिचितों के यहां शरण ली है। वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने खतरे की जद में आए आवासीय मकानों को खाली करवाने तथा निकट के सरकारी भवनों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं।

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नुकसान का लिया जायजा

रविवार देर शाम उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के निकट आपदा की घटना होने के बाद सोमवार सुबह जनपद के अधिकारी और जन प्रतिनिधि घटनास्थल पर पहुंचे। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, दिवंगत विधायक की पत्नी शांति रावत ने मांडो, साड़ा, मुस्टिकसौड़ और कंकराड़ी गांव में जाकर नुकसान का जायजा लिया। साथ ही प्रभावित ग्रामीणों से बात की।

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