बारिश से धान और दलहन को भारी नुकसान

पहाड़ में दो दिन से हो रही बारिश से धान और दलहन की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। पुरोला क्षेत्र में तो लाल धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। अक्टूबर में काश्तकारों को इतनी बारिश का अंदाजा नहीं था। अब किसान परेशान हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:56 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:56 PM (IST)
बारिश से धान और दलहन को भारी नुकसान
बारिश से धान और दलहन को भारी नुकसान

जागरण टीम, गढ़वाल: पहाड़ में दो दिन से हो रही बारिश से धान और दलहन की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। पुरोला क्षेत्र में तो लाल धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। अक्टूबर में काश्तकारों को इतनी बारिश का अंदाजा नहीं था। अब किसान परेशान हैं।

पुरोला: पुरोला में इन दिनों लाल धान की फसल तैयार हो गई थी, जिसकी काश्तकारों ने कटाई और मंडाई भी शुरू कर दी थी। लेकिन शनिवार सुबह से हो रही बारिश के कारण धान की कटाई और मंडाई का कार्य रुक गया है। इसके साथ ही बारिश का पानी खेतों में भर गया है। मंडाई के लिए ग्रामीणों की ओर से एकत्र किया गया धान भी बारिश से खराब हो गया है। किसान श्यालिक राम नौटियाल और रमेश असवाल ने कहा कि छह माह से काश्तकारों को उम्मीद थी कि इस बार बरसात में बारिश अच्छी होने से उनकी धान की फसल अच्छी होगी। लेकिन, बेमौसम बारिश से खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं, कृषि अधिकारी श्रीधर सिंह ने किसानों को सलाह दी कि मौसम साफ होने पर खेतों में गहरी नालियां काट दें, जिससे कि आगे बरसात होने पर खेतों में पानी एकत्र न हो पाए और जो कटी फसल है, उसको भी अधिक नुकसान से बचाया जा सके।

नौगांव : नौगांव के थली गांव की साड़ा छानी, सुनारा छानी कई गांव में अधिकतर किसानों की खेतों में धान की फसल बारिश से खराब हो रही है। एक सप्ताह से नौगांव के अधिकांश गांवों में धान की कटाई व मंडाई चल रही थी, लेकिन बारिश के कारण यह काम रुक गया है। बारिश से धान, दलहन, तिलहन की फसल खराब हो रही है। मटर समेत नकदी फसलें खराब

नई टिहरी: भारी बारिश से नकदी फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है, जिससे काश्तकार परेशान हैं। लंबे समय से हो रही बारिश से सब्जियां खराब होने लगी है। सबसे ज्यादा नुकसान मटर समेत नकदी फसलों को हो रहा है।

चंबा-मसूरी फलपट्टी सहित जिले के अन्य जगहों पर मटर की फसल काफी मात्रा में उगाई जाती है। पूर्व में पहले बारिश होने के कारण काश्तकार मटर की बुआई नहीं कर पाए और जब देर से बुआई करने के बाद अब लगातार बारिश होने के कारण फसल देर से तैयार होगी। जब तक मटर में फ्लोरिग का समय होता है उस समय पाला गिरने की संभावना रहती है ऐसे में मटर की फसल का उत्पादन इस समय कम होगा। इसके अलावा, फूलगोभी, शिमला मिर्च, बंद गोभी की फसल भी बारिश के कारण खराब हो गई है। जड़ीपानी के काश्तकार खुशीराम डबराल, प्यारेलाल डबराल का कहना है कि बारिश से पहले ही इस बार मटर की काफी कम बुवाई काश्तकारों ने की लेकिन खेतों में ज्यादा नमी होने के कारण अब मटर की फसल भी प्रभावित होगी। इस संबंध में जिला उद्यान अधिकारी डा. डीपी तिवारी का कहना है बारिश से मटर की फसल के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश काश्तकारों ने पाली हाउस लगा रखे हैं, जिसमें बारिश में फसल सुरक्षित रहती है।

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