मायके में ही आचमन लायक नहीं रही गंगा
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : केंद्र और प्रदेश में इन दिनों जगह-जगह स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम अ
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : केंद्र और प्रदेश में इन दिनों जगह-जगह स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। स्वच्छता के नाम पर राजनेता ढोल पीट रहे हैं। स्वच्छता के नाम पर अरबों रुपये पानी की तरह बहा दिए गए हैं, लेकिन उसके बावजूद गंदगी कहां साफ हुई, इसकी आज तक किसी को जानकारी नहीं है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू- बड़ेथी के बीच नगरपालिका चिन्यालीसौड़ के वाहनों से क्षेत्र की गंदगी को सीधे गंगा में उड़ेला जा रहा है और शासन-प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं।
सीमांत जिले में स्वच्छता पखवाड़ा और पर्यावरण को प्रदूषणमुक्त बनाए रखने की पहल चल रही है। इस पहल को साकार करने के लिए जिला प्रशासन नगर क्षेत्र में पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वाले व्यापारियों और दुकानदारों के खिलाफ सख्त हो गया है, लेकिन गंगा किनारे उड़ेली जा रही गंदगी को रोकने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। गंगा नदी में गिर रही गंदगी के कारण लाखों लोगों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सीमांत जिला मां गंगा का मायका है। मां गंगा अपने ही मायके में इस कदर दूषित हो रही है कि वह आचमन करने योग्य भी नहीं रह गई है। कहा गंगा में गंदगी गिर रही है और राजनेताओं की जेबें भर रही हैं। उपजिलाधिकारी डुंडा सौरभ असवाल ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है, यदि ऐसा है तो जल्द ही इसे रोका जाएगा।