45 घंटे बाद छोटे वाहनों के लिए सुचारू हुआ गंगोत्री हाईवे
उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सुनगर के पास गत सोमवार से बंद है। इस मार्ग बंद होने के कारण कई वाहन हाईवे में फंसे हुए हैं। साथ हीउपला टकनौर गंगोत्री धाम भारत चीन सीमा की अंतिम चौकियों से संपर्क कटा हुआ है।
जागरण संवाददता, उत्तरकाशी। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुनगर के पास लगातार 45 घंटे तक बंद रहा। मंगलवार की देर शाम को राजमार्ग छोटे वाहनों के लिए खुला पाया। राजमार्ग को खोलने में सीमा सड़क संगठन की टीम सोमवार की सुबह से जुटी, खासी मशक्कत के बाद मंगलवार की सुबह सात बजे राजमार्ग खुल सका।
उत्तरकाशी से 45 किलोमीटर गंगोत्री की ओर सुनगर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार की रात को भारी भूस्खलन और भारी बोल्डर आए, जिनसे राजमार्ग बाधित हुआ और क्षतिग्रस्त भी हुआ। सबसे अधिक परेशानी राजमार्ग का एक बड़े हिस्से के वास आउट होने से हुई। लेकिन, सीमा सड़क संगठन की टीम के साथ प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम भी मुस्तैदी के साथ जुटी रही। राजमार्ग को सुचारू करने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीम ने सोमवार देर रात तक राजमार्ग को खोलने का प्रयास किया। लेकिन, मजदूरों की सुरक्षा के लिहाज से देर रात को कार्य रोकना पड़ा।
मंगलवार की सुबह फिर से राजमार्ग को खोलने का कार्य शुरू हुआ। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने उपजिलाधिकारी देवेंद्र नेगी, जिला अपदा प्रबंधन अधिकारी को मौके पर तैनात किया, जिससे राजमार्ग को खोलने का कार्य तेजी से हो सके। बीआरओ के ऑफिसर कमांडिंग मेजर अवनीश शर्मा ने भी बीआरओ के श्रमिकों का मनोबल बढ़ाया तथा जरूरी मशीन व उपकरण उपलब्ध कराए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि मंगलवार देर शाम को राजमार्ग छोटे वाहनों के लिए सुचारू किया गया है। राजमार्ग को खोलने के लिए बीआरओ की टीम युद्ध स्तर पर जुटी रही। छोटे वाहनों के लिए मार्ग के खुलने पर उपला टकनौर, गंगोत्री और भारत चीन सीमा की अंतिम चौकियों के लिए आवाजाही शुरू हो गई है।
प्रसव पीडिता के लिए देवदूत बनी रेस्क्यू टीम
गत सोमवार की शाम को मुखवा गांव की एक गर्भवती को प्रसव पीड़ा हुई। सुनगर के पास मार्ग अवरुद्ध होने की सूचना से स्वजन खासे परेशान हुए। जिसके बाद उन्होंने उत्तराखंड पुलिस के डिजिटल वॉलिंटर राजेश रावत से संपर्क किया। राजेश रावत ने भटवाड़ी के उपजिलाधिकारी देवेंद्र नेगी को फोन किया। उपजिलाधिकारी देवेंद्र नेगी ने राज्य आपदा मोचन बल और पुलिस की टीम को भूस्खलन जोन में भेजा। सोमवार शाम को जैसे ही प्रसव पीड़िता मुखवा से सुनगर पहुंची।
वहां मौजूद डिजिटल वॉलिएंटर राजेश रावत व एसडीआरएफ की टीम ने गर्भवती महिला को भूस्खलन जोन पार कराया। भारी बोल्डर और खड़ी चट्टान होने के कारण रेस्क्यू टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। जिसके बाद प्रसव पीड़िता को 108 सेवा के जरिये जिला अस्पताल उत्तरकाशी भेजा गया। इस मौके पर उप निरीक्षक गिरीश बडोनी, प्रदीप, सोवेंद्र पाल आदि थे।
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