गांधी के विचार आज और भी प्रासंगिक

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर ने 21 वीं सदी में ग्रामीण भारत पर वेबिनार आयोजित किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 10:04 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 06:11 AM (IST)
गांधी के विचार आज और भी प्रासंगिक
गांधी के विचार आज और भी प्रासंगिक

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर ने '21 वीं सदी में ग्रामीण विकास में गांधीवादी तौर तरीकों की प्रासंगिकता' पर वेबिनार का आयोजन किया गया। 150वें गांधी जन्मदिवस पर इस अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में नेपाल और बांग्लादेश के शिक्षाविदों ने भी प्रतिभाग किया। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्याल की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में आयोजित इस ऑनलाइन परिचर्चा में गांधी के स्वराज, ग्रामीण विकास, कुटीर उद्योग, रोजगार, विकेंद्रीकरण मुद्दों पर भी विषय विशेषज्ञों ने विचार साझा किए। वेबिनार में वक्ताओें ने जोर देते हुए कहा कि समाज हित में गांधी के विचारों की प्रासंगिकता आज भी है।

वेबिनार के मुख्य अतिथि और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. डीपी सिंह ने कहा कि स्वच्छता को लेकर गांधी के विचार हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायी बन गए हैं। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि ग्रामीण विकास और स्वच्छता को लेकर गांधी के विचार हम सबके लिए प्रेरणादायी और अनुपम उपलब्धि भी हैं। उन्होंने कहा कि व्याख्यानमाला की एक पुस्तिका भी निकाली जाएगी।

भारत में नेपाल के पूर्व राजदूत प्रो. लोकराज बराल ने कहा कि गांधी ने ग्रामीण विकास और कुटीर उद्योगों पर विशेष बल दिया। सभी धर्मों को समान रूप से जोर देते हुए वह स्वदेशी के पक्षधर रहे। सीएसआइआर पालमपुर के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि ग्रामीण विकास को लेकर हमें हर्बल खेती को बढ़ावा देना होगा। नकदी फसलों को अपनाने से ग्रामीण आर्थिकी सु²ढ़ बनेगी।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट हैदराबाद के प्रो. राजेंद्र ममगाई ने कहा कि गांधी का ग्राम स्वराज मॉडल आज ज्यादा प्रासंगिक है। ढाका विवि के प्रो. अली असरफ ने बांग्लादेश के ग्रामीण विकास में गांधी के विचारों के प्रभाव पर प्रकाश डाला। काठमांडू विवि के डॉ. उद्धव ने कहा कि समग्र ग्रामीण विकास का मिशन हमें गांधी के विचारों में ही मिलता है। वेबिनार के संयोजक डॉ. प्रशांत कंडारी ने आभार व्यक्त किया। डॉ. नागेंद्र रावत, डॉ. राकेश नेगी, डॉ. श्वेता, डॉ. नरेश कुमार ने वेबिनार आयोजन में महत्वपूर्ण सहयोग दिया।

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