फुटपाथ बनाने की योजना नहीं चढ़ी परवान
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: आपदा के बाद उत्तरकाशी में जब पुनर्निर्माण कार्य हुए तो भागीरथ
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: आपदा के बाद उत्तरकाशी में जब पुनर्निर्माण कार्य हुए तो भागीरथी के दोनों ओर यानी उत्तरकाशी और जोशियाड़ा की ओर से काफी जगह खुली। दोनों से इस खुले स्थान का उपयोग करने के लिए ढाई साल पहले भागीरथी के किनारे फुटपाथ और पार्क बनाने को लेकर योजना बनाने की कवायद हुई थी। लेकिन, यह योजना आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई है। नदी के दोनों ओर से खाली पड़ी भूमि पर अतिक्रमण होने लगा है।
उत्तरकाशी में वर्ष 2012 और 2013 की आपदा में भागीरथी में बाढ़ आने से नदी के दोनों किनारों पर कटाव हुआ था। शहर की सुरक्षा के लिए भागीरथी के दोनों ओर सुरक्षा दीवार लगाई गई। सुरक्षा दीवार बनने से दोनों ओर काफी अधिक जगह खुली। इस जगह का उपयोग करने के लिए जोशियाड़ा में पाíकंग, बस अड्डा बनाने की योजना के साथ यह भी कवायद शुरू की गई थी कि नदी के किनारे सुरक्षा दीवार के ऊपर से एक सुरक्षित फुटपाथ बनाया जाए। ढाई साल पहले तत्कालीन जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने इसके लिए पर्यटन विभाग को निर्देश दिए थे। पर्यटन विभाग ने प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसके लिए करीब ढाई करोड़ की धनराशि मांगी गई थी। लेकिन, यह स्वीकृत नहीं हो पाई और योजना ठंडे बस्ते में चली गई। योजना में यह था कि उत्तरकाशी आने वाले यात्री मणिकर्णिका घाट पुल से जोशियाड़ा जाएं और जोशियाड़ा से भागीरथी के किनारे-किनारे केदार घाट पुल से फिर मणिकर्णिका घाट पर पहुंचे ताकि यात्री और पर्यटक भागीरथी की सुंदरता का आनंद ले सकें। लेकिन, जिलाधिकारी का तबादला होते ही यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई। नदी के किनारे पड़ी खाली भूमि पर जोशियाड़ा की ओर से अतिक्रमण भी होने लगे हैं। जिससे आने वाले समय में शहर की खूबसूरती को बढ़ाने वाली योजना के धरातल पर उतरने के आसार नहीं लग रहे हैं।
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उत्तरकाशी में भागीरथी नदी के दोनों किनारों को जोड़ते हुए फुटपाथ बनाने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए पर्यटन विभाग को निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए जल्द धनराशि भी स्वीकृत की जाएगी। अतिक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन और नगर पालिका को निर्देशित किया जाएगा।
गोपाल रावत, गंगोत्री विधायक