जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितता का मामला आया सामने

जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। जखोल के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत की शिकायत पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिला पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं की जांच को गढ़वाल आयुक्त को आदेश दिए हैं। सीडीओ ने जांच शुरू कर दी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 12:15 PM (IST) Updated:Thu, 19 Nov 2020 12:15 PM (IST)
जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितता का मामला आया सामने
जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है।

उत्‍तरकाशी, जेएनएन। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितता के मामले की जांच शुरू कर दी है। इससे जिला पंचायत कार्यालय में हड़कंप मचा है। दो सदस्यीय जांच टीम ने बीते बुधवार को दस्तावेजों के कक्ष को सील किया। जबकि गुरुवार को जांच टीम ने जिला पंचायत कार्यालय में पहुंचकर अपनी जांच शुरू की। जांच टीम में शामिल मुख्य विकास अधिकारी प्रवेश चंद्र डंडिरयाल ने कहा कि जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह के आरोप पत्र के आधार जांच शुरू कर दी गई है। जांच पूरी होने में तीन से चार दिन का समय लगेगा। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी।

जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह ने गत 3 नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में पत्र दिया था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शिकायती पत्र में दी गई अनियमितता को गंभीर माना। साथ ही गढ़वाल आयुक्त को आदेश दिए कि जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितता का प्रकरण गंभीर प्रकृति का है। जिसमें मुख्यमंत्री ने 15 दिनों के अंतराल में इसकी विस्तृत जांच कराकर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस बाबत 10 नवंबर को गढ़वाल आयुक्त ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को जांच सौंपी।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी और वरिष्ठ कोषाधिकारी बीते बुधवार को जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। मुख्य विकास अधिकारी ने जांच के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए तो जिला पंचायत में मौजूद अधिकारी कर्मचारी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए। जिसके बाद मुख्य विकास अधिकारी ने जरूरी दस्तावेजों के कक्ष को सीज किया। गुरुवार को जांच टीम फिर जिला पंचायत कार्यालय पहुंची। जिला पंचायत कार्यालय के सील कक्ष से दस्तावेज निकाले गए। जिला पंचायत कार्यालय में ही जांच टीम ने दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया।

यह भी पढ़ें: मसूरी नगर पालिकाध्यक्ष के वित्तीय अधिकार पर लगाई जाए रोक, पढ़िए पूरी खबर

chat bot
आपका साथी