इसे स्वच्छता कहें या महामारी का डर

बेहतर सफाई स्वच्छता का परिणाम कहें या कुछ और ओपीडी में भ्काफी कम लोग आ रह हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2020 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 06:16 AM (IST)
इसे स्वच्छता कहें या महामारी का डर
इसे स्वच्छता कहें या महामारी का डर

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : बेहतर सफाई स्वच्छता का परिणाम कहें या फिर कोरोना महामारी को लेकर लोगों में चिता। स्वच्छता के कारण लोगों में संक्रमण नहीं हो रहा है। या फिर लोग अपनी दूसरी बीमारियों का परीक्षण कराने के लिए अस्पतालों का रुख नहीं कर रहे हैं। वर्तमान में जिले के अस्पतालों की ओपीडी भी 50 से 60 फीसद तक कम हो गई है। जिला मुख्यालय के जिला अस्पताल कोविड-19 सेंटर होने से ओपीडी बंद है। यहां इमरजेंसी में ही कुछ ही मरीज आ रहे हैं। चिकित्सकों का मानना हैं कि ओपीडी कम होने के पीछे स्वच्छता के प्रति जागरूकता और कोरोना के प्रति चिता दोनों ही कारण हैं।

जनपद उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में कोरोना काल से पहले 200 से लेकर 250 की ओपीडी हर रोज होती थी। इन दिनों जिला अस्पताल को कोविड-19 सेंटर में तब्दील कर दिया है, जिससे जिला अस्पताल में ओपीडी की संख्या शून्य है। जिला अस्पताल में ओपीडी का काउंटर बंद किया हुआ है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. सुबेग सिंह का कहना है कि स्वच्छता का काफी प्रभाव पड़ा है। लोग गांवों में कोरोना के अलावा संक्रमित बीमारियों की चपेट में नहीं आ रहे हैं। लॉकडाउन के कारण जंक फूड भी बंद हुआ है। अधिकांश लोगों ने घर में ही खाना बनाया और खाया है। केवल इमरजेंसी वाले मरीज जिला अस्पताल में आ रहे हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में कोरोना को लेकर भय भी बना है। कम ओपीडी आने का यह भी एक कारण हो सकता है।

सीएचसी पुरोला के प्रभारी डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि इन दिनों ओपीडी 100 से लेकर 130 के बीच है। जबकि कोरोना काल से पहले ओपीडी 250 से से अधिक रहती थी। बड़कोट सीएचसी के चिकित्सक डॉ. पवन रावत ने कहा कि बीते वर्ष इन दिनों ओपीडी में 90-100 के करीब रहती थी। इन दिनों 50-60 के करीब है। चिन्यालीसौड़ सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ. विनोद कुकरेती ने बताया कि चिन्यालीसौड़ में ओपीडी में 60 से लेकर 70 फीसद तक ओपीडी में कमी आयी है। इन दिनों 45 से 55 के बीच ओपीडी है। इसी तरह से नौगांव सीएचसी, डुंडा पीएचसी, मोरी पीएचसी तथा भटवाड़ी पीएचसी में ओपीडी की स्थिति है।

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