बाजगी समुदाय ने ढोल-नगाड़े संग लगाई हुंकार
मांग कर रहे बाजगी समुदाय ने उत्तरकाशी बाजार में जुलूस निकाला। साथ ही ढोल दमाऊं व रणसिघा के साथ कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी के माध्यम से बाजगी समुदाय ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।
जागरण संवाददाता उत्तरकाशी : राज्य आंदोलनकारी घोषित करने की मांग कर रहे बाजगी समुदाय ने उत्तरकाशी बाजार में जुलूस निकाला। साथ ही ढोल दमाऊं व रणसिघा के साथ कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी के माध्यम से बाजगी समुदाय ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।
मंगलवार को बाजगी समुदाय के लोग ढोल दमाऊं व रणसिघा के साथ जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में एकत्र हुए और प्रदर्शन किया। बाजगी समुदाय के वाशिंदों ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में उन्होंने प्रथम पंक्ति में अपने ढोल दमाऊं व रणसिघा आदि वाद्य यंत्रों के साथ प्रतिभाग किया था तथा पहाड़ के आंदोलनकारियों में उत्साह जगाया था।
लेकिन, आज सभी ने उनके योगदान को भुला दिया है, जबकि किसी भी शहर या गांव में आंदोलन के तहत जुलूस प्रदर्शन के दौरान बाजगी समुदाय ही सबसे आगे रहा है। बाजगी रमेश दास और उज्जवल दास ने कहा कि सरकार ने आंदोलनकारियों के लिए जो नियम बनाए हैं, उनके तहत जेल या पुलिस अभिरक्षा के प्रमाण आवश्यक हैं। लेकिन बाजगी समुदाय की सेवाओं को देखते हुए आंदोलनकारियों ने जेल जाने से रोक दिया था। आंदोलनकारियों का कहना था कि यदि बाजगी जेल चले जाएंगे तो आंदोलन का जोश धीमा पड़ जाएगा। बाजगी समुदाय ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी घोषित कर पेंशन सुविधा दिए जाने की मांग की है। बाजगी समुदाय ने चेतावनी दी कि उनकी मांग यदि जल्द पूरी नहीं की गई तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उत्तराखंड राज्य निर्माण चिह्नित आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह भंडारी, जिपं सदस्य मनोज मिनान ने बाजगी समुदाय की मांग का समर्थन किया। इस मौके पर उत्तराखंड आंदोलनकारी बाजगी बंधु संघर्ष समिति के अध्यक्ष नत्थीला घलवान, सचिव सुरेश घलवान, दिनेश भटवान, हरीश भटवान, खेमराज, चंद्रमोहन, हरीश लाल, सुरेश दास, देवदास, कस्तूरी लाल, रमेश दास, सावन कुमार, रामनारायण आदि शामिल थे।