स्ट्रीट लाइट पर सभी ब्लॉकों से डीएम ने मांगा जवाब

राज्य वित्त की धनराशि से उत्तरकाशी जनपद के अधिकांश गांवों में सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाइट लगाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 06:46 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 06:46 PM (IST)
स्ट्रीट लाइट पर सभी ब्लॉकों  से डीएम ने मांगा जवाब
स्ट्रीट लाइट पर सभी ब्लॉकों से डीएम ने मांगा जवाब

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : राज्य वित्त की धनराशि से उत्तरकाशी जनपद के अधिकांश गांवों में सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाइट लगाई गई। एक गांव के लिए करीब पांच लाख रुपये की धनराशि आवंटित हुई थी। लेकिन, ये स्ट्रीट लाइट बेहद ही महंगी खरीदी गई और अब क्वालिटी व मरम्मत को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में कुछ दिन पहले डुंडा ब्लाक के क्षेत्र पंचायत प्रमुख शैलेंद्र कोहली ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी। जिस पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी ब्लॉकों को महंगी दरों पर खरीदी गई सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाइट पर जवाब मांगा है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि उरेडा सौर ऊर्जा स्ट्रीट को 13500 रुपये की दे रहा है। साथ ही पांच साल तक खराब होने पर सही कराने की जवाबदेही भी है। ऐसे में महंगी लाइट क्यों खरीदी गई है।

उत्तरकाशी जनपद के डुंडा ब्लाक प्रमुख शैलेंद्र कोहली ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से शिकायत करते हुए कहा कि गांवों में बीते वित्तीय वर्ष में पांच-पांच लाख रुपये की स्ट्रीट लाइट खरीदी गई। लेकिन ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों ने प्रधानों के साथ मिलकर नियमों के विरूद्ध सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाइट की महंगी दरों पर खरीद की। बेहतर क्वालिटी की स्ट्रीट लाइट उरेडा विभाग 13500 रुपये की देर रहा है। लेकिन उरेडा से खरीदने के बजाय लाइट 18 हजार से 22 हजार के बीच में खरीदी गई। इसमें एसआइटी जांच होनी चाहिए। ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों और प्रधानों ने बिना प्रक्रिया के ही महंगी लाइट खरीदी हैं। ब्लॉक प्रमुख ने कहा कि उनके पास कई प्रधानों ने फोन कर जानकारी दी है कि ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों ने सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाइट को लेकर उन्हें अंधेरे में रखा गया है तथा चहेती एजेंसियों से लाइट खरीदी गई हैं।

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