टीएचआर गबन की जांच बैठी

रुद्रपुर में टेक होम राशन गबन का मामला प्रकाश में आने पर जांच बैठ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Dec 2019 11:40 PM (IST) Updated:Thu, 26 Dec 2019 06:18 AM (IST)
टीएचआर गबन की जांच बैठी
टीएचआर गबन की जांच बैठी

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : टेक होम राशन गबन का मामला प्रकाश में आने के बाद महिला व बाल विकास विभाग में हड़कंप मचा है। मासूम बच्चों के पोषण के लिए सरकार की ओर से दिए जाने वाले राशन को हड़पने का आरोप आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर है। ऐसे में अब आइएएस अधिकारी सहित तीन सदस्यीय टीम मामले की जांच में लगी हुई है।

टेक होम राशन यानी टीएचआर का वितरण आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत सामान्य बच्चे, कुपोषित, गर्भवती व धात्री महिला को अलग-अलग अनुपात में किया जाता है। शासन से हर माह के हिसाब से बजट माता समिति के खाते में भेजा जाता है लेकिन माता समिति के जरिए यह पैसा लगातार साल 2012 से अब तक निकाला गया जिसमें चार हजार से लेकर 90 हजार तक की रकम प्रत्येक बार अंतरित की गई। इस तरह मासूमों के हिस्से में जाने वाले राशन का खुला खेल जारी रहा। शिकायत के बाद ट्रांजिट कैंप की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अल्पना रस्तोगी की जांच की गई। सीडीपीओ रमा रावत ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सेवा समाप्त कर दी गई है। एफआइआर के बाद अब पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की शिकायत पर मामले में जांच टीम भी गठित कर दी गई है जिसमें प्रशिक्षु आइएएस विशाल मिश्रा, एसडीएम मुक्ता मिश्रा व पुलिस क्षेत्राधिकारी अमित कुमार शामिल हैं।

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90 बार में निकले 13 लाख

आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिए जाने वाले टेक होम राशन गबन का खेल बीते सात साल से खेला जा रहा है। जिसमें अलग-अलग किश्तों में यह धनराशि 90 बार में अंतरित की गई है। इस तरह आरोपित अल्पना रस्तोगी ने करीब 13 लाख से ज्यादा की रकम अपने निजी खाते में अंतरित की है जिस पैसे से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर मकान बनाने का आरोप है।

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अगस्त में की शिकायत

आंगनबाड़ी केंद्र पर टीएचआर वितरण से पहले राशन की खरीद करनी होती है। बीते एक साल से इस राशन की खरीद आरोपित कार्यकर्ता बुक्सौड़ा, दिनेशपुर में नरेंद्र डेली नीड्स नामक दुकान से कर रही थी। करीब 56 हजार का बकाया होने पर दुकानदार ने अपना पैसा मांगा। दुकानदार नरेंद्र ने बताया कि महिला ने पैसा देने से मना कर दिया, धमकी दी कि यदि पैसा नहीं दिया तो क्या कर लोगे। आखिर में दुकानदार ने डीपीओ उदय प्रताप सिंह से शिकायत की। तब मामले में पड़ताल की गई।

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विभाग पर लगाए आरोप

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अल्पना रस्तोगी ने विभाग पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्यकर्ता अल्पना रस्तोगी का कहना है कि उनके साथ साजिश की गई है। विभाग को रिश्वत नहीं देने के कारण वरिष्ठ अधिकारी उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। कार्यकर्ता ने इस संबंध विस्तृत जांच की मांग की है।

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