गाजीपुर बार्डर पर गरजेंगी बाजपुर की महिलाएं
रविवार को बाजपुर से दो बसों में महिलाएं व बच्चे सवार होकर दिल्ली गाजीपुर बार्डर के लिए रवाना हुए।
संवाद सहयोगी, बाजपुर : रविवार को बाजपुर से दो बसों में महिलाएं व बच्चे सवार होकर दिल्ली गाजीपुर बार्डर के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी करते हुए कृषि कानून वापस लेने की मांग की। इनके साथ धरना दे रहीं बेटियों व उनके परिजन भी रवाना हुए।
इस मौके पर सुनीता टम्टा बाजवा ने कहा कि कुमाऊं के लोग जहां सीमाओं की रक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं, वहीं किसान आंदोलन में उनके परिजन संघर्ष में शामिल हैं, जिसमें माताओं-बहनों का भी बड़ा योगदान है। लगातार किसान भाई व माताएं गाजीपुर में किसानों के समर्थन में पहुंच रही हैं। सबका मन है कि इस बार गणत्रंत दिवस की परेड देखी जाए और सरकार को बताया जाए कि परेड पर किसानों का भी हक है। उन्होंने कहा कि काले कानूनों के माध्यम से सरकार सस्ते गल्ले की दुकानों को पूजीपतियों के हाथों सौंपने की तैयारी कर रही है। इस मौके पर प्रभजोत कौर, जसकिरन कौर, कमलजीत, शुभकरमन, गुरमनप्रीत, कुलविदर कौर, गुरमीत, मनजीत कौर, गोपाल कौर, सुखमन कौर, मनजोत कौर, संदीप कौर मौजूद रहीं।
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23 को किसान टै्रक्टर से करेंगे दिल्ली कूच
भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष अजीत प्रताप सिंह रंधावा ने कहा, 23 जनवरी को पूरे जनपद से हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर से दिल्ली कूच करेंगे। इसमें दिल्ली में धरने में शामिल किसानों की यूनियन 18 जनवरी को अपना फैसला सुना देंगी और उसी के अनुरूप किसान परेड में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि बाजपुर में बीस गांव की जमीन को लेकर भी आंदोलन शुरू करने की तैयारी चल रही है।