देश के 18 राज्यों में जाता है विवि का प्रजनक बीज
पंत विवि के प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र में उत्तराखंड स्टेट सीड्स व आर्गेनिक सर्टिकेशन एजेंसी के अधिकारियों और प्रक्षेत्र निरीक्षकों को गेहूं दलहनी व तिलहनी फसलों के निरीक्षण व प्रजाति की विशेषताओं की जानकारी दी गई।
जागरण संवाददाता, पंतनगर : पंत विवि के प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र में उत्तराखंड स्टेट सीड्स व आर्गेनिक सर्टिकेशन एजेंसी के अधिकारियों और प्रक्षेत्र निरीक्षकों को गेहूं, दलहनी व तिलहनी फसलों के निरीक्षण/प्रजातियों की विशेषताओं की जानकारी दी गई। निदेशक शोध डा. एएस नैन ने कहा की पंत विवि का बीज उत्पादन केंद्र करीब 5500 क्विटल गेहूं के प्रजनक बीजों के साथ दलहन व तिलहन की कुल 60 प्रजातियों का प्रजनक बीज रबी मौसम के लिए उत्पादित करता है। इससे आधारीय एवं प्रमाणित बीज तैयार किया जाता है। प्रजनक बीज देश के 18 से अधिक राज्यों में भेजा जाता है।
गुरुवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम में शोध निदेशक डा. नैन ने कहा कि राज्य के प्राइवेट बीज कंपनियों को भी उनकी जरूरत के हिसाब से प्रजनक बीज दिया जाता है। प्रमाणित बीज से करीब 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की बुआई की जाती है। इसलिए बीज की गुणवत्ता बनाए रखने में प्रमाणीकरण विभाग की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। संयुक्त निदेशक डा.पीएस शुक्ल ने कहा कि वर्ष, 1992 से ही प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र राज्य एवं देश को बीज उपलब्ध करा रहा है। वर्तमान में केंद्र में एक वर्ष में गेहूं, धान, गन्ना, तिलहन, दलहन इत्यादि की करीब 125 प्रजातियों का प्रजनक बीज पैदा किया जाता है, जो देश के कुल उत्पादन में 10 से 20 फीसद औसत बढ़ोत्तरी के माध्यम से करीब एक लाख 54 हजार करोड़ रुपये का योगदान देश में है। बीज प्रमाणीकरण विभाग के उप निदेशक डा. जेएस न्याल ने कहा कि विवि के प्रजनकों का सहयोग हमेशा मिलता रहा है। गेहूं प्रजनक डा.जेपी जायसवाल, दलहन प्रजनक डा. एसके वर्मा एवं तिलहन प्रजनक डा. उषा पंत ने प्रशिक्षुओं का ज्ञानवर्धन किया। संचालन प्रभारी उप निदेशक, काशीपुर डा. ज्ञान चंद्र ने किया। इस मौके पर डा. ओपी ओझा, डा. वीरेंद्र प्रसाद, टीबी राम, मनोज पंत मौजूद थे।