गदरपुर में तहसीलदार ही तोड़ रहे यातायात नियम
गदरपुर में बीमा और फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना तहसीलदार की बोलेरो सड़क पर दौड़ रही है।
संवाद सूत्र, गदरपुर : बीमा और फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना तहसीलदार की बोलेरो सड़क पर दौड़ रही है। पुलिस और सीपीओ भी गाड़ी पर तहसीलदार की नेम प्लेट देख चेकिंग नहीं कर रही है। ऐसे में लोगों ने भी अब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
सीपीयू, पुलिस व आरटीओ आम जन को यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाते हैं। रोजाना जगह-जगह वाहनों की फिटनेस व इंश्योरेंस की जांच की जाती है। कागज न होने पर भारी-भरकम जुर्माने के अलावा गाड़ी को सील कर दिया जाता है। वहीं, तहसीलदार की गाड़ी जरूरी कागजात के बिना चल रही है। बताया जाता है कि मार्च, 2020 में कोरोना संक्रमितों की सहायता के लिए गदरपुर मंडी समिति की बोलेरो गाड़ी उप जिलाधिकारी बाजपुर ने मंगा ली। कुछ समय बाद उप जिलाधिकारी ने सरकारी कार्यो के लिए यह गाड़ी तहसीलदार गदरपुर को दे दी। अभी तक यह वाहन मंडी समिति को नहीं लौटाया गया है। जबकि मंडी बोर्ड ने इसे सरकारी कार्यो के लिए मंडी समिति सचिव को दिया गया। इस संबंध में तहसीलदार देवेंद्र बिष्ट ने बताया कि बोलेरो मंडी समिति की है, इंश्योरेंस या फिटनेस को पूरा करना मंडी समिति का काम था। वहीं, मंडी समिति सचिव कैलाश शर्मा का कहना है कि 26 जून 2020 को इंश्योरेंस खत्म हो चुका था। उससे पूर्व उनका रुद्रपुर ट्रांसफर हो गया था। जब दोबारा यहां पहुंचा तो वही स्थिति थी। आरटीओ विपिन सिंह का कहना है कि बिना कागज और इंश्योरेंस के गाड़ी चलाना गलत है, अगर रोड पर चलती मिलेगी तो चालान काटा जाएगा