छह हजार मकान मालिकों का गृहकर को ठेंगा

नजूल पर स्पष्ट निर्णय नहीं होने से शहर के लोगों को इसका फायदा मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Feb 2019 07:11 AM (IST) Updated:Sun, 24 Feb 2019 07:11 AM (IST)
छह हजार मकान मालिकों का गृहकर को ठेंगा
छह हजार मकान मालिकों का गृहकर को ठेंगा

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : नजूल पर स्पष्ट निर्णय नहीं होने से शहर के लोगों को इसका फायदा मिल रहा है। इस कारण नगर निगम क्षेत्र के 50 फीसद से भी ज्यादा मकानों से गृहकर की वसूली नहीं की जा रही है। नई योजना के अनुसार लोग अपना गृहकर स्वयं ही निर्धारित कर रहे हैं। फिर भी छह हजार मकान मालिक गृहकर को ठेंगा दिखा रहे हैं।

जिला मुख्यालय स्थित नगर निगम में करीब 46 हजार घर हैं। नगर निगम की आय का एक प्रमुख जरिया इन मकानों से लिया जाने वाला गृहकर भी है। इसकी वसूली नगर निगम नियमित तौर पर करता आ रहा है। नगर निगम का परिसीमन होने के बाद दायरा बढ़ गया है। इसमें करीब 20 हजार नए मकान शामिल हो गए हैं। इन मकानों का गृहकर सरकार ने 10 साल के लिए माफ किया है। इस कारण इनसे अभी तक नगर निगम दूर ही है। ऐसे में पहले से मौजूद 26 हजार घरों में भी छह हजार से गृहकर नहीं लिया जा रहा है। इसका प्रमुख कारण नजूल भूमि पर शासन व जिला प्रशासन का स्पष्ट निर्णय नहीं होना है। सरकारी व नजूल भूमि पर बने इन मकानों से लंबे समय से कोई कर नहीं लिया गया है। सहायक नगर आयुक्त महेश चंद्र पाठक ने बताया कि नजूल के इन छह हजार मकानों से गृहकर वसूल करने के लिए पूर्व में भी पत्राचार कर चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिल सका है।

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पांच हजार ने दिया गृहकर ब्योरा गृहकर का निर्धारण करने का काम मकान स्वामी स्वयं कर रहे हैं, जिसके लिए सभी क्षेत्रों में नगर निगम ने फार्म बांट दिया है। करीब पांच हजार लोगों ने गृहकर का निर्धारण कर फॉर्म जमा कर दिया है। जबकि अभी यह प्रक्रिया जारी है।

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गृहकर का स्व निर्धारण लोग कर रहे हैं। करीब पांच हजार ने फार्म भर दिया है। नजूल पर स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण निगम क्षेत्र के करीब छह हजार लोगों से गृहकर नहीं लिया जा रहा है।

-महेश चंद्र पाठक, प्रभारी सहायक नगर आयुक्त, रुद्रपुर

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