महिलाओं में आत्मनिर्भरता की अलख जगा रहीं सिद्घी
ाटीमा में नारी ने हर युग में समाज से लड़कर अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है।
संवाद सहयोगी, खटीमा : नारी ने हर युग में समाज से लड़कर अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है। इसमें कभी उन्हें परिवार का साथ मिला तो कभी वह अकेली ही लड़कर आगे बढ़ीं। ऐसा कुछ सिद्धी भाटिया के साथ भी हुआ। शादी के बाद सात माह की गर्भवती होने के दौरान पति की मौत ने उन्हें तोड़कर रख दिया था। इसके बावजूद उन्होंने न केवल अपने सपनों को पंख दिए बल्कि दूसरों के लिए नजीर पेश की। सिद्ध अब बाडी बिल्डर हैं। महिलाओं को सेहत के प्रति जागरूकता करने के साथ ही आत्मनिर्भर बनाने में लगी हैं। सिद्घी ने राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक भी अपने नाम किए हैं। वह फिटनेस चैंपियनशिप जीतने के साथ असल जिंदगी में भी चैंपियन ही हैं।
टनकपुर रोड अमाऊं में रहने वाली सिद्घी भाटिया ने वर्ष 2017 में पंजाब में हुई राष्ट्रीय महिला बाडी बिल्िडग प्रतियोगिता में दमदार प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण पदक जीतकर हासिल किया। इसके अलावा उन्होंने चेन्नई में वर्ष 2018 में रजत पदक हासिल किया। वर्ष 2018 में उत्तराखंड ब्यूटी पेजेंट का भी खिताब जीता। 2016 में उन्होंने महिलाओं को फिट रखने के लिए फिटनेस केयर सेंटर खोला है। इसके जरिये वह महिलाओं को सेहत के प्रति जागरूक कर रही हैं। सिद्धी भाटिया ने बताया कि उनके फिटनेस सेंटर से ट्रेंड हुई महिलाएं विभिन्न जगहों पर फिटनेस सेंटर खोलकर अपनी आजीविका चला रही हैं। शहर में कुछ जगह पर ट्रेनर क्लास भी चलाती हैं।
सिद्घी की 1999 में शादी हुई थी। कुछ माह बाद ही उनके पति व सास का निधन हो गया। पति के निधन के समय वह सात माह की गर्भवती थी। उसके बाद परिवार को संभालना और आगे बढ़ना उनके लिए चुनौती से कम नहीं था। परंतु उन्होंने हार नहीं मानी।। फिटनेस के क्षेत्र में कैरियर बनाने का बीडा उठाया। वर्तमान में वह अमाऊं में जिम संचालित कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में लगी हुई है।
सिद्घी का कहना है कि महिलाओं को अपनी फिटनेस का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जिसके दम पर वे कोई भी मुकाम हासिल कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को 24 घंटे में से एक घंटे का समय अपने लिए अवश्य निकालना चाहिए। मुश्किलें इम्तिहान तो लेती हैं लेकिन अगर इरादे दृढ़ हों तो कामयाबी मिल ही जाती है।