खटीमा में शार्ट सर्किट से खोखे में लगी आग लगने से जला एक लाख का सामान

खटीमा में कुटरी गन्ना सेंटर के समीप शनिवार की तड़के किराने के खोखे में आग लगने से एक लाख का सामान जला।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 05:18 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 05:18 PM (IST)
खटीमा में शार्ट सर्किट से खोखे में लगी आग लगने से जला एक लाख का सामान
खटीमा में शार्ट सर्किट से खोखे में लगी आग लगने से जला एक लाख का सामान

संवाद सहयोगी, खटीमा: कुटरी गन्ना सेंटर के समीप शनिवार की तड़के किराने के खोखे में शार्ट सर्किट हो जाने की वजह से आग लग गई। जिसमे पांच हजार की नकदी समेत एक लाख का सामान जलकर राख हो गया। दूसरी घटना थारु भुडि़या गांव में घटी। जहां आग की भेंट चढ़ने से खेत में खड़ी गेहूं की फसल राख हो गई। आगजनी से लोगों में हड़कंप मच गया। दमकल टीम ने बमुश्किल आग पर काबू पाया।

कुटरी गन्ना सेंटर के पास अमरजीत का किराने का खोखा है। जिसमें वह बिस्कूट, टॉफी, नमकीन, दाल, साबुन अन्य आदि सामान बेचकर अपनी गुजर बसर करते है। शनिवार की तड़के करीब तीन बजे अचानक उनके खोखे में शार्ट सर्किट हो जाने की वजह से आग लग गई। आग की लपटे देख पड़ोसियों की नींद खुल गई। उन्होंने इसकी सूचना खोखा स्वामी अमरजीत को दी। जिसके बाद लोग खोखे में लगी आग को बुझाने के लिए दौड़ पड़े। सूचना पर दमकल टीम भी मौके पर पहुंच गई। जिसके बाद बमुश्किल आग पर काबू पाकर आग को इधर-उधर फैलने से रोक लिया गया। अग्निकांड में खोखे में रखी पांच हजार की नगदी समेत एक लाख रुपए का किराने का सामान एवं फ्रिज जलकर पूरी तरह से राख हो गया। इधर थारु भुडि़या गावं में रघुवीर सिंह के छह बीघा खेत में खड़ी गेहूं की फसल में अचानक आग लग गई। जिसमें पूरी फसल जलकर राख हो गई। अग्निशमन कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया। दमकल टीम में सत्येंद्र यादव, त्रिभुवन सिंह मेहरा, मकबूल हुसैन, राजेश मेहता, मनोज कुमार, राजेंद्र सिंह आदि मौजूद थे। फसलों में भी लग रही आग

खटीमा: सीमांत में एक के बाद एक हो रहे अग्निकांडों ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर कर रख दिया है। उनकी छह माह की तपस्या एक झटके में आग की भेंट चढ़ गई। विभिन्न गांवों में हुए अग्निकांडों में करीब दो सौ बीघा से अधिक खेतों में खड़ी गेहूं की फसल राख हो चुकी है। ऐसे में किसानों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है।

सीमांत का यह क्षेत्र कृषि बाहुल्य है। यहां बड़ी संख्या में लोग खेती किसानी पर ही आधारित है। किसानों पर बड़ी उम्मीद से गेहूं की फसल बो रखी थी। छह माह की कड़ी मेहनत के बाद उनकी फसल खेतों में पककर तैयार थी। जिसे समेटने के लिए इन दिनों खेतों में जुटे हुए है। परंतु पिछले एक सप्ताह के भीतर हुए अग्निकांडों ने किसानों की नींद उड़ा कर रख दी है। इन अग्निकांडों में भूड़ाकिसनी, दाह ढ़ाकी, श्रीपुर बिछुवा, नदन्ना, कुटरी, प्रतापपुर, जंगल जोगीठेर एवं थारु भुडि़या गांव के चार दर्जन से अधिक किसानों की दो सौ बीघा से अधिक भूमि में खड़ी गेहूं की फसल आग की भेंट चढ़ चुकी है। जिसमें उनके सपने एक ही झटके में चकनाचूर हो गए। ऐसे में उनके सामने दोहरा संकट पैदा हो गया है। प्रभावित किसानों ने शासन-प्रशासन से अग्निकांड का आंकलन कर अविलंब मुआवजा दिए जाने की मांग की है।

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