आपराधिक गतिविधियों की सूचना देने में प्रहरी फेल
रुद्रपुर में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस के सहयोग के लिए प्रहरी की तैनाती की गई है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस के सहयोग के लिए प्रहरी की तैनाती की गई है। इन्हें हर माह दो हजार रुपये मानदेय भी दिया जाता है, मगर प्रहरियों को गलत काम करने वालों की भनक तक नहीं लगती है। कहीं ऐसा तो नहीं कि पुलिस व प्रहरी के बीच संवाद का अभाव हो। यदि संवाद का अभाव नहीं है तो फिर पुलिस को मामले की जानकारी क्यों नहीं लग रही है। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं।
गांवों व शहर के कई हिस्सा में खुलेआम अवैध शराब की बिक्री हो रही है। इसके अलावा भी कई आपराधिक गतिविधियां होती हैं। यह सब जानकारी लोगों को है, मगर प्रहरी को नहीं, इस पर सवाल उठ रहा है। गदरपुर के ग्राम सूरजपुर में नकली सीमेंट बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी गई, मगर इसकी भनक पुलिस व प्रहरी को नहीं लग सकी। लोगों का कहना है कि तमाम गलत कार्य हो रहे हैं, यह सब जानकारी प्रहरी को होती है। जब प्रहरी को होती है तो निश्चित तौर पर पुलिस को होती होगी। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जाती है। यह सब प्रहरी व पुलिस की मिलीभगत का खेल है। गांव व मोहल्ले में अवैध शराब बिक्री, कच्ची शराब की सुलगती भट्ठियों की जानकारी दूसरे गांव व मोहल्लेवासियों को रहती है तो प्रहरी को क्यों नहीं होती होगी। जब मामला खुलने वाला होता है, तब पुलिस सक्रिय होती है। लोगों का कहना है कि कोविड कर्फ्यू में दुकानें व रेस्टोरेंट, मछली मीट की दुकानें खुली रहती हैं, पुलिस उन रास्तों से गुजरती है, मगर कार्रवाई नहीं करती है।