कोरोना के जंग में सरिता ने निभाई दोहरी जिम्मेदारी

रुद्रपुर में किसी महिला के लिए परिवार बच्चे और नौकरी सब एक साथ संभालना बड़ी बात है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 04:32 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 04:32 AM (IST)
कोरोना के जंग में सरिता ने निभाई दोहरी जिम्मेदारी
कोरोना के जंग में सरिता ने निभाई दोहरी जिम्मेदारी

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : किसी महिला के लिए परिवार, बच्चे और नौकरी सब एक साथ संभालना बड़ी बात है। घर के कामकाज और फिर नौकरी के बीच कोरोना महामारी में दोहरी जिम्मेदारी बिना थके बिना हारे बखूबी निर्वहन किया। रात-दिन जहां भी कोरोना मरीज होने की पुष्टि हुई, उन्हें क्वारंटाइन सेंटर पहुंचाने का काम सरिता ने किया।

मूल रूप से नगला, पंतनगर निवासी सरिता विश्वकर्मा 22 वर्षो से पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। पति संजय कुमार व्यवसायी हैं। घर में चार बच्चे और सास-ससुर की देखभाल उनके जिम्मे है। वर्ष, 2017 में सरिता की तैनाती किच्छा थाने में कर दी गई। मार्च माह में कोविड संक्रमण फैलने के बाद उनकी ड्यूटी कोविड वैन में लगा दी गई, जिससे कोरोना संक्रमितों को वाहन से क्वारंटाइन सेंटर ले जाया जा सके। संक्रमण के चलते उन्होंने अपने बच्चों को पहले ही बहुत समझाया कि ड्यूटी से आने के एक घंटे तक कोई उनके पास नहीं आएगा। सरिता बताती हैं कि उन्होंने आठ माह तक अपने को परिवार से अलग कर लिया था। ड्यूटी से आने के बाद सैनिटाइज करने के बाद खुद को अकेले रखती थीं। सुबह के वक्त घर का सारा काम पूरा करने के बाद समय से ड्यूटी पर जाती थीं। बताती हैं कि कोविड संक्रमण से डर तो था, लेकिन खुद से अधिक डर बच्चों व सास-ससुर के लिए था। मुश्किल दौर में घर-परिवार, थाने का काम और कोविड में ड्यूटी को समाजहित समझकर कार्य किया। यही नहीं सरिता गरीब बच्चों को शिक्षा व हर जरूरतों की पूर्ति करती हैं।

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