रुद्रपुर नगर निगम को मिला ओडीएफ प्लस का दर्जा
भारत सरकार ने नगर निगम रुद्रपुर को ओडीएफ प्लस घोषित किया है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : भारत सरकार ने नगर निगम रुद्रपुर को ओडीएफ प्लस घोषित किया है। अब ओडीएफ डबल प्लस के लिए निगम जुट गया है। केंद्र सरकार की टीम के सर्वे में निगम रुद्रपुर को 150 अंक मिले हैं। शौचालयों का रख रखाव बेहतर पाया गया। नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण में अव्वल आने के लिए अधिकारी व कर्मचारी जुटे हैं।
रुद्रपुर नगर निगम को स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में प्रथम पायदान पर लाने के लिए मेयर रामपाल सिंह ने पूरी ताकत झोंक दी है। इसी का नतीजा रहा कि नगर निगम क्षेत्र में खुले में शौच मुक्त व शौचालयों का बेहतर रख रखाव है। केंद्रीय टीम ने कुछ दिन पहले क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का सर्वे किया। फिलहाल ओडीएफ प्लस के मानकों पर रुद्रपुर नगर निगम खरा उतरा है। पूर्व में ओडीएफ प्लस के सर्वे में नगर निगम अयोग्य घोषित हो गया था। इसकी वजह सफाई व्यवस्था में कुछ खामियां थीं। इस बार निगम ने विशेष रणनीति से पर्यावरण मित्रों के साथ काम किया। शहर को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए कई प्रयास किए। भारत सरकार की टीम ने सर्वे के आधार पर नगर निगम रुद्रपुर को 150 अंकों के साथ ओडीएफ प्लस के योग्य पाया। केंद्र से सर्वे करने आई टीम ने स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए कल्याणी नदी के तट पर सुंदर कल्याणी वाटिका तथा कल्याणी में कूड़ा कचरा फेंकने से रोकने में सफल होने पर नगर निगम की प्रशंसा की। मेयर रामपाल सिंह ने इस उपलब्धि का श्रेय शहरवासियों को दिया। आभार जताते हुए कहा कि बिना जानता के सहयोग से यह संभव नहीं हो सकता। शहर को अब ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा दिलाने के लिए रणनीति बनाकर काम किया जाएगा। इसके लिए सीवेज के सुरक्षित व कुशल प्रबंधन और निस्तारण की जरूरत होती है। सीवरेज को खुले स्थानों या जल निकायों में बिना उपचार के नहीं डाला जाता।
----------
ओडीएफ डबल प्लस के लिए होगी मेहनत
परफामर्ेंस के आधार पर ओडीएफ, ओडीएफ प्लस और ओडीएफ डबल प्लस प्रमाण पत्र दिए जाते हैं। ओडीएफ प्रमाण पत्र खुले में शौच से मुक्त होने पर दिया जाता है, जबकि ओडीएफ प्लस प्रमाण पत्र खुले में शौच मुक्त के साथ-साथ सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का मानकों के अनुरूप होने पर दिया जाता है। ओडीएफ प्लस प्लस प्रमाण पत्र घरों के सेफ्टी टैंक से निकलने वाले मल को निगम की गाड़ियों द्वारा एसटीपी तक पहुंचाना और फिर उसका ट्रीटमेंट कर पानी और खाद अलग करना आदि के लिए दिया जाता है।