राजीव आवास योजना की जांच में सामने आने लगी धांधली
सितारगंज में राजीव गांधी आवास योजना में नगर पालिका क्षेत्र में बनाए गए भवनों की जांच शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, सितारगंज : राजीव गांधी आवास योजना में नगर पालिका क्षेत्र में बनाए गए भवनों की जांच शुरू हो गई है। बुधवार को उप जिलाधिकारी मुक्ता मिश्रा की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय टीम ने शहर के विभिन्न वार्डो के छह लाभार्थियों से निर्माण के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान लाभार्थियों ने टीम के समक्ष गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे योजना में धांधली की बू आने लगी है।
केंद्र सरकार द्वारा आवासविहीन लोगों के लिए संचालित की गई राजीव गांधी आवासीय योजना में नगर पालिका क्षेत्र में कुल 174 लाभार्थियों को आवास आवंटित किए गए थे। निर्माण में धांधली की शिकायत पर जिलाधिकारी ने एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। एसडीएम ने बुधवार को नगर के वार्ड एक व दो में बने मकानों का स्थलीय निरीक्षण किया। इसके बाद टीम ने निर्माण कार्यो को भी देखा, जिसमें अनियमितताएं मिलीं। एसडीएम ने बताया कि जांच के बाद रिपोर्ट डीएम को सौंप दी जाएगी।
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साहब..जो धनराशि ट्रांसफर हुई हमें नहीं मालूम
शहर में राजीव आवास योजना की जांच के दौरान लाभार्थियों ने टीम के समक्ष गंभीर आरोप लगाए हैं। लाभार्थी बलवीर वाल्मीकी, विजय कुमार, राजेश कुमार वाल्मीकी ने कहा कि आवास चयन होने के बाद पिछले साल अगस्त में आवास योजना में देय धनराशि जमा की थी। इसके बाद ठेकेदार ने उनका बैंक में खाता खुलवा दिया। आरोप है कि इसके बाद उनसे छह चेक ब्लैंक साइन करा लिए गए। उनके खाते में राजीव आवास योजना की जो भी धनराशि ट्रांसफर हुई। उसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है।
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राजीव आवास योजना के नियम
राजीव आवास योजना में 3.70 लाख का बजट स्वीकृत है। इसमें लाभार्थी को 10 फीसद ही योजना के अनुरुप जमा करने का नियम है। राज्य सरकार भी 10 फीसद की योजना में मदद देती है। 80 फीसद धनराशि केंद्र सरकार को वहन करनी पड़ती है। इसके बाद लाभार्थी स्वयं ही आवास का निर्माण कराता है। पालिका प्रशासन व अन्य कार्यदायी संस्थाओं का राजीव आवास में कोई हस्तक्षेप नहीं रहता, लेकिन शहर में ठेकेदारी प्रथा के अंतर्गत गलत तरीके से आवास निर्माण कराये जाने की जांच में जिम्मेदारों की गर्दन फंस सकती है।
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राजीव आवास योजना की पूर्व में की गई जांच संतोषजनक पाई गई थी। केवल लाभार्थियों को परेशान करने की नीयत से जांच के नाम पर स्थलीय निरीक्षण किया जा रहा है।
-हरीश दुबे, पालिकाध्यक्ष