निकायों में शामिल राजस्व गांवों को मिल सकता स्वामित्व योजना का लाभ

रुद्रपुर में कुमाऊं आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि राजस्व गांवों की आबादी में लंबे समय से बसे लोगों को प्रधानमंत्री भूस्वामित्सव योजना का लाभ दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:42 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:42 PM (IST)
निकायों में शामिल राजस्व गांवों को मिल सकता स्वामित्व योजना का लाभ
निकायों में शामिल राजस्व गांवों को मिल सकता स्वामित्व योजना का लाभ

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : कुमाऊं आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि राजस्व गांवों की आबादी में लंबे समय से बसे लोगों को प्रधानमंत्री भूस्वामित्व योजना का लाभ दिया जा रहा है। यह योजना शहर में लागू नहीं है। वर्ष, 2017-18 में नगर निकायों में यूएस नगर के 106 राजस्व गांव शामिल हो गए हैं। जिन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सका। इन लोगों को योजना लाभ मिल सके, इसके लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा। हालांकि भूस्वामित्व योजना केंद्र सरकार की है।

कुमाऊं आयुक्त सुशील कुमार ने शनिवार को कलक्ट्रेट में अधिकारियों व विधायकों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि राज्य गठन के बाद भी यूएस नगर के छह जलाशय उत्तर प्रदेश के सिचाई विभाग के अधीन हैं। भूमि संबंधित मामलों को निपटाने के लिए कुमाऊं स्तर पर कमेटी बनी है। वन विभाग की जमीन पर कुछ लोग ऐसे बसे हैं, जिन्हें पट्टे जारी हुए हैं और कुछ लोग बिना पट्टे के ही बसे हैं। जिन्हें पट्टे मिले हैं, उन्हें विनियमित करने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। कुछ लोग जलाशयों व वर्ग पांच की श्रेणी की जमीन पर बिना पट्टे के बसे हैं। दस्तावेजों की जांच की जा रही है। परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के बीच जल्द वार्ता होने वाली है। सरकारी केंद्रों में खरीद के लिए ई-पोर्टल पर किसान की खतौनी व रकबा को अपलोड करना होता है। इस बार शायद उत्तर प्रदेश का धान की खरीद न हो सके। धान बेचने वाले किसानों का अधिकतर भुगतान हो चुका है। राइस मिलरों का जो बकाया है, उसे भुगतान करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।

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