बस अड्डे को लेकर जनता को भ्रमित कर रहे राजस्व अधिकारी
जसपुर में परिवहन निगम के बस अड्डे के मामले में पूर्व विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल ने राजस्व अधिकारियों पर परिवहन निगम अधिकारियों को गुमराह करने तथा क्षेत्र की जनता को भ्रमित करने के आरोप लगाए हैं।
संसू, जसपुर : परिवहन निगम के बस अड्डे के मामले में पूर्व विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल ने राजस्व अधिकारियों पर परिवहन निगम के अधिकारियों को गुमराह करने क्षेत्र की जनता को भ्रमित करने के आरोप लगाए हैं।
मंगलवार को भाजपा कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में सिंघल ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर खसरा नंबर 101 में रकबा 0.121 हेक्टेयर तथा खसरा नंबर 102 में रकबा 0.057 हेक्टेयर भूमि को रोडवेज बस अड्डे के लिए अधिग्रहित करने का आदेश जारी कर बस अड्डे का शिलान्यास किया था। यह भूमि वर्ग तीन में दर्ज थी। बाद में कब्जेदार इस अधिग्रहण के खिलाफ उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश ले आए थे। तभी से इस भूमि पर उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश चला आ रहा है। बाद में राजस्व अधिकारियों द्वारा खसरा नंबर 100 में रकबा 0.539 तथा खसरा नंबर 96 ग में रकबा 0.024 हेक्टेयर भूमि का हस्तांतरण उत्तराखंड परिवहन निगम के अधिकारियों को किया गया जबकि कब्जा खसरा नंबर 101 तथा 102 पर करा दिया। यह भूमि वर्ग 3 की भूमि है। इस भूमि पर उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश है। उन्होंने राजस्व अधिकारियों पर परिवहन निगम के अधिकारियों को गुमराह करने साथ ही क्षेत्र की जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया है। इस अवसर पर तरुण गहलोत, सुधीर विश्नोई, डॉ सुदेश, सरवन सिद्धू, अंकुर सक्सेना आदि मौजूद रहे। इधर नायब तहसीलदार बीसी आर्य ने बताया कि जिस भूमि के खसरा नंबर शासन से हस्तांतरित किए गए हैं, उन्हीं खसरा नंबरों के रकबे पर कब्जा कराया गया है। फिर भी आरोपों की जांच की जाएगी।