एआरटीओ दफ्तर पर गरजे रजिस्ट्रार कानूनगो
रुद्रपुर में पदोन्नति आदि मांगों को लेकर रजिस्ट्रार कानूनगो भड़क गए।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : पदोन्नति आदि मांगों को लेकर रजिस्ट्रार कानूनगो भड़क गए। उन्होंने एआरटीओ दफ्तर के पास धरना-प्रदर्शन कर शासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए चेताया कि यदि मांगों पर जल्द गौर नहीं किया गया तो एक नवंबर से बेमियादी आंदोलन किया जाएगा।
उत्तराखंड रजिस्ट्रार कानूनगो संघ के सदस्यों ने सोमवार को प्रदर्शन करते हुए कहा कि लंबे समय से नायब तहसीलदार एवं सहायक भूलेख अधिकारियों के पदों पर पदोन्नति का न्याय संगत कोटा निर्धारित करने, रजिस्ट्रार कानूनगो के पदों का पुनर्गठन करने, कंप्यूटर प्रशिक्षण स्टाफ की तैनाती, एक माह का अतिरिक्त वेतन अनुमन्य कराने आदि मांग की जा रही है। इस मामले में कई बार शासन प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है, मगर शासन ने कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम के माध्यम से भेजकर चेताया कि यदि मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो एक नवंबर से बेमियादी धरना प्रदर्शन किया जाएगा। धरना प्रदर्शन करने वालों में संघ के अध्यक्ष राकेश साहा, लवकेश कुमार, अकरम अली, चंद्रपाल सिंह, हेमराज सिंह चौहान, मोहन सिंह, पंकज कुमार, मुकेश कुमार शामिल थे।
इधर, निगम के अधिकारी व कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के आह्वान पर सोमवार को पेयजल निगम दफ्तर पर अधिकारियों व कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अधिकारी व कर्मचारी पूरी ईमानदारी के साथ दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, मगर निगम प्रबंधन की ओर से वेतन व पेंशन भुगतान में रुचि नहीं ली जा रही है। निगम एक राजकीय निगम है। ऐसे में वेतन, पेंशन व भत्तों की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है। कहा कि जल संस्थान व पेयजल निगम के एकीकरण होने से लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसलिए लंबे समय से एकीकरण की मांग की जा रही है, फिर भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। धरना प्रदर्शन करने वालों में अधिशासी अभियंता मृदुला सिंह, इंजीनियर एके त्यागी, अशोक स्वरुप, पल्लवी चौधरी, बीसी जोशी, अनिल कुमार, विपिन चक्रवर्ती, ललित चंद्र जोशी, आलोक सक्सेना, अर्चित पाठक शामिल थे।