लाभार्थियों के खातों में 37 हजार का नहीं मिला रिकार्ड

सितारगंज में राजीव गांधी आवास योजना में गोलमाल का संदेह बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Feb 2021 05:15 AM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2021 05:15 AM (IST)
लाभार्थियों के खातों में 37 हजार का नहीं मिला रिकार्ड
लाभार्थियों के खातों में 37 हजार का नहीं मिला रिकार्ड

जागरण संवाददाता, सितारगंज : राजीव गांधी आवास योजना में गोलमाल का संदेह बढ़ गया है। प्रशासनिक जांच शुरू होने के बाद गुरुवार को लाभार्थियों ने बैंक पहुंच प्रबंधक से योजना की धनराशि का विवरण लिया। बैंक स्टेटमेंट में लाभार्थियों की तरफ से शुरुआत में ठेकेदार को दिए गए 10 फीसद यानि 37 हजार रुपये का कोई रिकार्ड नहीं मिला।

धांधली की शिकायत के बाद नगर पालिका क्षेत्र में 174 राजीव गांधी आवास योजना की प्रशासनिक टेक्निकल टीम जांच कर रही है। शुरुआती जांच में आवास योजना अनिमियतताओं की भेंट चढ़ती दिख रही है। बुधवार को एसडीएम मुक्ता मिश्रा ने टीम के साथ वाल्मीकी बस्ती में आवास योजना की जांच की थी। गुरुवार को बैंक पहुंचे लाभार्थियों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार अगस्त में उनके खाते खुलवाने के लिए बैंक लाया था। खाता खुलने के बाद ठेकेदार ने ब्लैंक चेक पर उनके साइन करा लिए थे। बैंक पासबुक उन्हें नहीं दी गई। बैंक ने लाभार्थियों को आधार कार्ड, पेनकार्ड के जरिये उन्हें बैंक स्टेटमेंट का विवरण निकालकर दिया।

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खातों के लेनदेन ने बढ़ाया घोटाले का संदेह

राजीव आवास योजना में खटीमा मार्ग स्थित एक सहकारी बैंक में करीब 100 लाभार्थियों के खाते खोले गए हैं। खातों में योजना की धनराशि का रिकार्ड दर्ज है। चेक के माध्यम से प्रत्येक लाभार्थी के खातों से योजना की धनराशि निकाली गई। धनराशि के निकालने के दौरान लाभार्थियों को कोई जानकारी नहीं दी गई। बैंक प्रबंधक के अनुसार पालिका ईओ ने लाभार्थी के हस्ताक्षर की पुष्टि की। पालिका की अधिशासी अधिकारी के चेक पर साइन होने के कारण धनराशि देने का दावा कर रहा है। जबकि इसी चेक पर लाभार्थी के पूर्व में कराए गए साइन भी थे। करीब 100 खातों में लाभार्थी की जानकारी के बिना बैंक में लेनदेन होता रहा। इसके बावजूद बैंक प्रबधंक को मामले में क्यों संदेह नहीं हुआ।

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ठेकेदारी प्रथा के कारण अधूरे पड़े लाभार्थियों के आवास

राजीव गांधी आवास योजना की परतें उधड़ने लगी हैं। अधिकांश लाभार्थियों ने योजना की औपचारिकताएं पहले ही पूरी कर ली थी। इसके बावजूद लाभार्थियों का मकान का सपना अधूरा रहा। लाभार्थियों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार ने उनके मकान आधे-अधूरे बनाकर छोड़ दिए हैं। मकानों में प्लास्टर, पलंबर आदि के कार्य लटके हुए हैं।

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खाते तो खुले पर नहीं हुआ सत्यापन

राजीव आवास योजना के तहत अधिशाषी अधिकारी, लाभार्थी के ज्वाइंट खाते खुलवाए गए थे। करीब 100 खाते एक ही बैंक में खोले गए, मगर पालिका के अफसरों ने लाभार्थियों के खातों का सत्यापन कराना जरूरी नहीं समझा। समय-समय पर अगर खातों का सत्यापन होता तो आवास योजना में पारदर्शिता बनी रहती।

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खाते नियमानुसार खुलवाए गए थे। लाभार्थी को निर्माण से संबंधित अधिकार बता दिए गए थे। योजना के दौरान खुले खातों का सत्यापन कराया जाएगा।

-सरिता राणा, ईओ नगर पालिका सितारगंज

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