निजी अस्पताल की मनमानी, सात लाख का थमाया बिल

कोविड काल में सरकार की सख्ती के बाबजूद प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों के उपचार में मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 11:52 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 11:52 PM (IST)
निजी अस्पताल की मनमानी, सात लाख का थमाया बिल
निजी अस्पताल की मनमानी, सात लाख का थमाया बिल

जागरण संवाददाता, काशीपुर : कोविड काल में सरकार की सख्ती के बाबजूद प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों के उपचार में मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। काशीपुर के एक निजी अस्पताल ने तो सारी हदें पार करते हुए कोरोना मरीज के इलाज का सात लाख का बिल थमा दिया। मरीज के परिजनों के मुताबिक रिश्तेदारों से उधार लेकर अस्पताल प्रबंधन को बिल चुकाया और पैसे खत्म होने के कारण आगे का इलाज आयुष्मान कार्ड से कराने की विनती की तो उसने इससे साफ इन्कार कर दिया। इस पर मामले की शिकायत अपर पुलिस अधीक्षक से की गई।

लखनपुर चुंगी, रामनगर निवासी गौरव शाह की मां को कुछ दिन पूर्व कोविड संक्रमण के चलते यहां मुरादाबाद रोड स्थित ढेला पुल के निकट एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके भाई को भी इसी अस्पताल के दूसरी ब्रांच में भर्ती किया गया था। मां और बेटे के उपचार पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा परिजनों को सात लाख का बिल थमा दिया। गौरव शाह के मुताबिक उसके पिता ने रिश्तेदारों से उधार लेकर अस्पताल का बिल चुकाया। गौरव शाह का कहना है कि घर की सारी जमा पूंजी खत्म हो चुकी है। इस पर उसने अस्पताल प्रबंधन से मां के आगे का उपचार अटल आयुष्मान कार्ड के आधार पर कराने की विनती की तो उन्होंने आयुष्मान कार्ड से उपचार करने से साफ मना कर दिया और मरीज को कहीं दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दे डाली। अब परेशान परिजनों से इस मामले की शिकायत एएसपी अक्षय प्रहलाद से की है।

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तय रेट से ज्यादा बिल वसूला तो दर्ज होगा मुकदमा

काशीपुर : इस मामले में एएसपी अक्षय प्रह्लाद का कहना है कि काशीपुर में पिछले कुछ दिनों से निजी अस्पतालों के मनमाने बिल वसूलने की शिकायत मिल रही है। रविवार को भी एक अस्पताल की शिकायत मिली है जिसकी जांच की जा रही है। पिछले दिनों एक अस्पताल पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था। अगर किसी मरीज से शासन के तय रेट लिस्ट से ज्यादा बिल वसूला जा रहा है तो वह पुलिस में शिकायत करे, ऐसे अस्पताल संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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कार्रवाई से बच रहे जिम्मेदार

शहर के अधिकांश कोविड अस्पतालों में खुलेआम सरकारी नियमों की धच्जियां उड़ाई जा रही हैं लेकिन शिकायत मिलने के बाद भी जिम्मेदार मौन साधे हैं। इन अस्पतालों में रेट लिस्ट का कतई पालन नहीं हो रहा है। इलाज के लिए अलग-अलग पैकेज बनाए गए हैं, भले ही मरीज चार दिन में ठीक हो जाए लेकिन उसे पैकेज के हिसाब से पूरा बिल चुकता करना पड़ रहा है।

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सरकारी अस्पतालों के बाहर दलाल सक्रिय

शहर में प्राइवेट कोविड अस्पतालों के दलाल सरकारी अस्पतालों के बाहर भी सक्रिय हैं। वह कोविड मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचाने में जुटे हैं। सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंच रहे लोगों पर इन दलालों की नजर रहती है। सरकारी अस्पताल के बाहर कई प्राइवेट अस्पतालों की एंबुलेंस भी खड़ी रहती हैं।

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