गुरु तेग बहादुर के बताए मार्ग पर चलने का लिया संकल्प

बाजपुर में सिखों के नौवे गुरु श्रीगुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस पर यहां गुरुद्वारा साहिब में कथा कीर्तन के माध्यम से उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:07 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 06:07 PM (IST)
गुरु तेग बहादुर के बताए मार्ग पर चलने का लिया संकल्प
गुरु तेग बहादुर के बताए मार्ग पर चलने का लिया संकल्प

संवाद सहयोगी, बाजपुर : सिखों के नौवे गुरु श्रीगुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस पर यहां गुरुद्वारा साहिब में कथा कीर्तन के माध्यम से उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में संगत ने बढ़ चढकर भाग लिया।

सुखमणि साहिब के पाठ के उपरांत गुरुद्वारे में आयोजित कीर्तन दरबार में भाई दर्शन सिंह द्वारा कीर्तन प्रस्तुत किए गए। उन्होंने कहा कि जब मुगल शासकों का जुल्म हद से ज्यादा बढ़ गया था और काफी संख्या में लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था, ऐसे में कश्मीरी पंडितों द्वारा सिख पंथ के नौवे गुरु श्रीगुरु तेगबहादुर से विनती की गई कि वह उनका धर्म बचाने में सहयोग करें। उनकी विनती को गुरु महाराज ने स्वीकार किया।

इसी क्रम में ज्ञानी राजेंद्र सिंह ने कहा कि सिखों के नौवे गुरु श्रीगुरु तेगबहादुर धाíमक अडिगता, निर्भयता और नैतिक उदारता के उच्चतम प्रतीक थे और कश्मीरी पंडितों को जबरन मुस्लिम बनाए जाने के घोर विरोधी थे। उन्होंने हिदू धर्म की रक्षा में सिर कटा दिया, लेकिन धर्म को बचा लिया। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब एक ऐसे साहसी योद्धा थे जिन्होंने धर्म एवं मानवीय मूल्यों की रक्षा और वैचारिक स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया। ऐसे धर्मध्वज रक्षक गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस पर हमें जागरूक होने की जरूरत है। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे। सभी ने गुरु महाराज की अरदास में हिस्सा लिया और गुरु चरणों में शीश नवाए। इस दौरान समूचा माहौल भक्तिमय हो उठा और सभी ने सुखी जीवन की कामना की।

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