विदेशों की तर्ज पर होगी पंत विवि में पढ़ाई

ऊधमसिंह नगर जिले के पंतनगर विश्वविद्यालय में विदेशों में उच्च कोटि के शिक्षण संस्थाओं की तर्ज पर पढ़ाई कराने का लिया निर्णय।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 11:28 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 11:28 PM (IST)
विदेशों की तर्ज पर होगी पंत विवि में पढ़ाई
विदेशों की तर्ज पर होगी पंत विवि में पढ़ाई

जागरण संवाददाता, पंतनगर : विदेशों में उच्च कोटि के शिक्षण संस्थाओं की तर्ज पर गोविद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि में भी पढ़ाई होगी। वे मोबाइल या लैपटॉप पर ही ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। उन्हें लाइब्रेरी भी नहीं जाना पड़ेगा। मोबाइल पर ही कोर्स उपलब्ध हो जाएगा। इसके लिए ई-कंटेंट कोर्स तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही विवि को पर्यावणीय संरक्षण भी किया जा रहा है। इसके लिए इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आइडीपी) में विश्व बैंक ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के जरिये 25 करोड़ का बजट दिया है।

विदेशों में कई ऐसे उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान हैं, जहां पर छात्रों को कक्षाओं व लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए नहीं जाना पड़ता है। घर बैठे ही मोबाइल या लैपटॉप पर ऑनलाइन पढ़ाई कर लेते हैं। यदि कोर्स का कोई चैप्टर पढ़ना है तो मोबाइल पर ही उसे पढ़ लेते हैं। भारत में यदि कोर्स की किताब नहीं है तो लाइब्रेरी जाना पड़ता है। देर रात में कोई चैप्टर देखना है तो फिर अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है। पर अब ऐसा नहीं होगा। आइडीपी में विश्व बैंक ने देश के करीब 20 कृषि विश्वविद्यालयों को ई-कंटेंट कोर्स व पर्यावरणीय संरक्षण के साथ इनोवेशन के लिए पिछले साल बजट दिया था। इसमें पंत विवि को 25 करोड़ रुपये मिले हैं। विवि में ई-कंटेंट कोर्स करीब 30 फीसद तैयार हो चुका है। शेष कोर्स कुछ माह में तैयार हो जाएगा। इसमें किताबें भी ऑनलाइन हो जाएंगी। स्नातक के छात्र ऑनलाइन ही पढ़ाई कर सकेंगे। छात्र जो भी नए शोध करेंगे, उसे भी बढ़ावा दिया जाएगा। यह सभी कार्य राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना के तहत किया जा रहा है।

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पर्यावरणीय व सामाजिक मूल्यों के संरक्षण में जुटा विवि

विवि परिसर में पर्यावरणीय व सामाजिक मूल्यों का संरक्षण किया जा रहा है। पानी की बचत के लिए विवि परिसर के सभी भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था की जा रही है। हर भवन में ग्रीन शौचालय बनाए जा रहे हैं। सभी भवनों में एलईडी बल्ब लगाए जा रहे हैं। इससे बिजली की बचत हो सके। करीब 80 फीसद भवनों में एलईडी बल्ब लगाए जा चुके हैं। विवि परिसर के सभी चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसकी मॉनिटरिग विवि का सुरक्षा विभाग कर रहा है। महिलाओं व छात्राओं के लिए सैनिटरी नैपकिन की व्यवस्था की गई है। दिव्यांगों के लिए सभी महाविद्यालयों व छात्रावासों में रैंप बनाए जा रहे हैं।

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विवि परिसर को पर्यावरणीय व सामाजिक मूल्यों का संरक्षण किया जा रहा है। परिसर में बेहतर माहौल बनाने के साथ शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जा रहा है।

- डाक्टर शिवेंद्र कुमार कश्यप, परियोजना अधिकारी

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