अब तहबाजारी शुल्क वसूली भी हुई ठेके पर
कुछ समय पहले हुए लॉकडाउन के वक्त व्यवस्थाएं इस तरह से लड़खड़ा गई हैं।
जागरण संवाददाता, काशीपुर : कुछ समय पहले हुए लॉकडाउन के वक्त व्यवस्थाएं इस तरह से लड़खड़ाई कि अब तक संभलने का नाम नहीं ले रहीं। अब निगम क्षेत्र के तहत आने वाली तहबाजारी की दुकानें, फड़, खोखे की वसूली के लिए निगम की टीम को माथा पच्ची नहीं करनी पड़ेगी। अब इसके लिए नया तरीका निकाला गया है जिसके तहत अब तहबाजारी का शुल्क भी ठेके पर दे दिया जाएगा।
नगर निगम में पक्की दुकानों की बात करें तो 566 दुकानें हैं। लॉकडाउन के दौरान यह दुकाने बंद रही थीं, लेकिन उनका किराया बढ़ रहा था। तो वहीं व्यापारियों के कंधों का बोझ भी। शहर बंदी के दौरान बड़ी दुकाने जो कि निगम क्षेत्र मे स्थापित है वह खुली नहीं। लॉकडाउन के राहत के बाद भी इन दुकानों को खोलने के लिए कोई राहत नहीं मिल सकी। चूंकि शारीरिक दूरी टूटने और उस समय एक साथ खड़ा होना मतलब संक्रमण को तेजी से साथ खुद ही बुला लेना था। ऐसे में व्यापारियों की हालत वैसे भी लचर हो गई। ऐसे में उनको कुछ दिन की मोहलत दे दी गई थी, मगर अब मोहलत खत्म हो चुकी है। पिछले माह की अगर बात करें तो करीब पौने चार लाख के आसपास वसूली हो चुकी है। जबकि अभी 10 से 12 लाख के आसपास निगम को वसूलना है। वसूली का सिलसिला शुरू हो चुका है। वहीं तहबाजारी में अब अगले माह से परिवर्तन आएगा और ई-टेंडरिग के तहत दो ठेके किए जाएंगे और काम कराया जाएगा।
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पुराने-नए क्षेत्र के हिसाब से ठेके
तहबाजारी के तहत अब नई व्यवस्था लागू होने वाली है। जिसके तहत पुराने और नए क्षेत्र के हिसाब से दो ठेके होंगे। यानी तहबाजारी के लिए अलग-अलग ठेके होंगे। ठेका प्रथा के अनुसार वह लोग निगम को वसूली कर देंगे। राजस्व की बढ़ोतरी होगी और निगम को किस तरह से पैसा निकलवाना है यह सिरदर्द भी नहीं रहेगा। अलग-अलग ठेका होने से लोगों पर भी अधिक बोझ नहीं रहेगा और प्रतिदिन की कमाई एकत्र भी आसानी से हो जाएगी।
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कितनी आती है इनकम :-
पुरानी व्यवस्था की अगर बात करें तो प्रतिदिन के हिसाब से 18-19 हजार रुपये की कलेक्शन आ जाती है, लेकिन वह लॉकडाउन के चलते नहीं आ सकी। अब ऐसे में यह नई प्रणाली लागू होने वाली है। इसके लिए जल्द ही काम शुरू किया जा सकेगा। तहबाजारी के तहत मौजूदा समय मे करीब साढ़े 700 दुकाने हैं अब इनसे नए तरीके से जल्द वसूली की जाएगी।
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वर्जन :---
अभी इसको लेकर बैठक हुई थी और जिसमें यह तय किया गया था कि दो ठेके होंगे और इसके तहत काम किया जाएगा। पुराने और नए क्षेत्रों के आधार पर दो ठेके किए जा रहे हैं। समिति ने बैठक कर इसका फैसला लिया है। निगम की टीम अब इससे दूर रहेगी और अन्य कामों में लग सकेगी। ठेके पर देने से यह उनका काम होगा और वसूली कर सकेंगे।
-ऊषा चौधरी, मेयर नगर निगम, काशीपुर