शहरी क्षेत्रों में फेरी लगाकर आजीविका चलाने वाले वेंडर के रोजगार को मिलेगी संजीवनी

काशीपुर में कोरोना वायरस की वजह से फड़ विक्रेताओं को हुए नुकसान को देखते हुए ऋण दिया जा रहा है।

By Edited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 12:17 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 09:10 AM (IST)
शहरी क्षेत्रों में फेरी लगाकर आजीविका चलाने वाले वेंडर के रोजगार को मिलेगी संजीवनी
शहरी क्षेत्रों में फेरी लगाकर आजीविका चलाने वाले वेंडर के रोजगार को मिलेगी संजीवनी

काशीपुर, जेएनएन : कोरोना वायरस की वजह से फड़ विक्रेताओं को काफी नुकसान पहुंचा है। उनके परिवार को मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। अब उनके रोजगार दोबारा खड़ा करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से मदद के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि या (पीएम स्वनिधि योजना) लागू की गई है। इसके जरिए शहरी क्षे्त्रों में फेरी लगाकर आजीविका चलाने वाले परिवारों को रोजगार को आगे बढ़ाने में मदद मिल सकेगी। उनकी जिंदगी दोबारा पटरी पर आ सकेगी। लॉकडाउन से रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के रोजगार पर बुरी मार पड़ी है। उनका रोजगार बंदी की कगार पर आ गया। उसको फिर से खड़ा करने के लिए पीएम वेंडर योजना की कवायद चल रही है। इसमें उन्हें आसानी से पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे न सिर्फ उनके रोजगार को बल मिलेगा साथ ही उनके परिवार के जीवन स्तर में सुधार आएगा। यह योजना एक जुलाई से शुरू की गई जो कि 31 मार्च 2022 तक चलेगी।

योजना से जुड़ी अहम बातें

- मोबाइल एप व वेब पोर्टल से होगी आवेदन प्रक्रिया।

- लोन के लिए किसी तरह के गारंटी की नहीं होगी जरूरत।

- एक साल के लिए 10,000 रुपये तक का शुरुआती कर्ज।

- समय पर या उससे पहले कर्ज के भुगतान पर 7 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी।

- पात्र लेनदारों को छमाही आधार पर किया जाएगा सब्सिडी का भुगतान।

- डिजिटल लेनदेन की रसीद या भुगतान पर मासिक कैशबैक की भी रहेगी सुविधा।

सर्वे वाले होंगे लाभांवित

इस योजना में सर्वे वाले लोग ही लाभांवित किए जाएंगे। 2014 में जो लोग चिह्नित किए गए थे, जिनके पास आइडी कार्ड बना हुआ था। उस समय 20 वार्ड थे और 1260 कार्ड बने थे। उसके बाद जो छूटे हुए हैं उनके लिए इसी माह फिर से सर्वे किया जाएगा। कुमाऊं के सबसे बड़े नगर निकाय हल्‍द्वानी नगर निगम में 2800 से अधिक फेरी व्‍यवसायी रजिस्‍टर्ड हैं।

इस योजना के तहत खासतौर पर कोविड-19 में जिन रेहड़ी-फेरीवालों का रोजगार प्रभावित हुआ था, उन्हें लाभांवित किया जाएगा। -शांता गुरुरानी, मिशन मैनेजर, नगर निगम काशीपुर

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