नाम विच संतोख सुहागा, रख गरीबी वेश..

गुरुद्वारा साहिब नानकसर ठाठ गजरौला में सात दिवसीय सालाना श्री गुरु मान्यो ग्रंथ समागम का मंगलवार को समापन हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 07:10 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 07:10 PM (IST)
नाम विच संतोख सुहागा, रख गरीबी वेश..
नाम विच संतोख सुहागा, रख गरीबी वेश..

संवाद सहयोगी, बाजपुर : गुरुद्वारा साहिब नानकसर ठाठ गजरौला में सात दिवसीय सालाना श्री गुरु मान्यो ग्रंथ समागम का मंगलवार को समापन हो गया। पंथ प्रचारकों ने श्री गुरुनानक देव जी महाराज, श्री गुरुग्रंथ साहिब के बारे में विस्तार से जानकारी।

अमृतसर पंजाब से आए भाई सुखप्रीत सिंह खालसा ने कीर्तन करते हुए कहा कि तू संता का संत तेरे, मेरे राम-राय मेरे राम-राय.., नाम विच संतोख सुहागा, रख गरीबी वेश..। कहा कि श्री गुरु नानक देव जी महाराज का अवतार सर्व कला से परिपूर्ण था, समय-समय पर कलयुग में जितनी भी कलाओं की जरूरत पड़ी, उनके अनुरूप गुरुओं ने अवतार धारण किया, लेकिन जुल्म की इन्तहां होने से श्री गुरु नानक देव जी धरती पर प्रकट हुए और तीर्थाटन करके पृथ्वी के लोगों को जागरूक किया। गुरु नानक देव जी महाराज ने वाहेगुरु मूल मंत्र हमें दिया है, जोकि सिद्ध मंत्र है हमें वाहेगुरु का जाप समय निकालकर प्रतिदिन करना चाहिए। भाई अमरजीत सिंह गालिब खुर्द ने कीर्तन करते हुए कहा- हर रास मेरी बन मनजादा, सतगुरू रास मेरी जाणी.., हर-हर नित जपियो जियो, लाहा करियो दिहाड़ी.., कृपा करो मेरे दीन के दाता.. आदि शब्द का गुणगान करते हुए संगत को गुरवाणी का नित गायन करने के लिए प्रेरित किया। वहीं भाई सतवंत सिंह, बाबा जग्गा सिंह भूड़ी, बाबा रंजीत सिंह, स्वामी रामगिरि, बाबा मोहन सिंह, बाबा चंदा सिंह आदि द्वारा मानव जीवन में गुरुवाणी के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इसके अलावा दलजीत सिंह खालसा सितारंगज ने अमृत प्रचार से संबंधित कथा सुनाई। इस मौके पर संत बाबा प्रताप सिंह द्वारा पंथ प्रचारकों को सरोपा व गुरु नानक देव जी के चित्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर सैकड़ों लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बन्नाखेड़ा की टीम में शामिल एएनएम सुखविदर कौर, नीति खैरवार, बबीता अनेजा, पवन वर्मा आदि द्वारा वैक्सीन लगाई गई। युवा पीढ़ी को दस्तारबंदी कराते हुए पगड़ी बांधने के सरल तरीकों से अवगत कराया गया। इस मौके पर सुखविदर सिंह, राणा हरपाल सिंह, राणा गुरदीप सिंह, त्रिलोचन सिंह, जगमोहन सिंह, सुखचैन सिंह, सुखवीर सिंह, सुखमीत सिंह मौजूद थे।

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उमड़े श्रद्धालु, पंडाल भी पड़े छोटे

सालाना गुरु मान्यों ग्रंथ समागम के दौरान इस वर्ष भारी संख्या में संगत पहुंची जिसके चलते हजारों लोगों के बैठने के लिए बनाया गया पंडाल भी छोटा पड़ गया। लोग पंडाल से बाहर बैठ कर प्रचारकों का व्याख्यान सुनते नजर आए। वहीं मेले में श्रद्धालुओं ने खूब खरीदारी की। इसके अतिरिक्त निश्शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण आदि के शिविर में भी लगाए गए थे।

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सात दिन तक बही भक्ति की बयार

सात दिवसीय समागम के दौरान 16 अखंड पाठ, एक संपुट पाठ, गुरुद्वारा साहिब व संगत द्वारा घरों में 1523 जपुजी साहिब, 23 हजार सुखमणि साहिब पाठ के साथ ही 4 करोड़ 84 लाख 1330 बार मूलमंत्र तथा करोड़ों बार वाहे गुरु का जाप किया गया।

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