जलौनी लकड़ी के नाम पर नष्ट हो रहे जंगल

ख्खटीमा में सीमांत के हरे-भरे जंगलों को जलौनी लकड़ी के नाम पर उजाड़ा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 07:09 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 07:09 PM (IST)
जलौनी लकड़ी के नाम पर नष्ट हो रहे जंगल
जलौनी लकड़ी के नाम पर नष्ट हो रहे जंगल

संवाद सहयोगी, खटीमा : सीमांत के हरे-भरे जंगलों को जलौनी लकड़ी के नाम पर उजाड़ा रहा है। प्रतिदिन काफी मात्रा में जलौनी लकड़ी के नाम पर वन संपदा का दोहन हो रहा है। वहीं वन महकमा सब कुछ देखने के बाद भी इस ओर से मुंह मोडे़ बैठा हुआ है।

बता दें तराई पूर्वी वन प्रभाग के सब डिविजन खटीमा में किलपुरा, सुरई एवं खटीमा रेंज के तीन घने जंगल हैं। जो वन संपदा एवं वन्य जीव जंतुओं से आच्छादित हैं। इन जंगलों से आये दिन अवैध लकड़ी कटान के मामले सामने आते रहते हैं। हालांकि अवैध कटान की सूचना पर वन कर्मी समय-समय पर छापामारी भी करते रहते हैं, बावजूद इसके वन संपदा का अवैध दोहन नहीं रुक पा रहा है। अब ठंड का मौसम शुरू होते ही जलौनी लकड़ी के नाम पर जंगल से वन संपदा का दोहन शुरू हो गया है। इन दिनों सुबह-शाम तीनों रेंज के जंगल से जलौनी लकड़ी के नाम पर हरे-भरे पेड़ों का पातन किया जा रहा है। जिसे देखने व रोकने वाला कोई नहीं है। यहीं वजह है कि प्रतिदिन जंगलों से बड़ी मात्रा में जलौनी लकड़ी के नाम पर पेड़ों का कटान हो रहा है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में जंगलों का अस्तित्व ही मिट जाएगा। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण का भी संकट पैदा हो जाएगा।

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इंसेट:

जलौनी लकड़ी के नाम पर जंगलों से वन संपदा का अवैध दोहन नहीं होने दिया जाएगा। इस पर सख्ती से अंकुश लगाया जाएगा। इसके लिए वन कर्मियों को नियमित रूप से जंगलों में गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

-बाबूलाल, एसडीओ वन विभाग

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