मच्छर मारने वाली अगरबत्ती का सैंपल भरने गई महिला कृषि रक्षा अधिकारी से अभद्रता
रुद्रपुर में मच्छर मारने वाली अगरबत्ती के नमूने लेने बाजार गई महिला कृषि रक्षा अधिकारी के साथ प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के एक पदाधिकारी ने अभद्रता की और नमूना भी नहीं भरने दिया।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : मच्छर मारने वाली अगरबत्ती के नमूने लेने बाजार गई महिला कृषि रक्षा अधिकारी के साथ प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के एक पदाधिकारी ने अभद्रता की और नमूना भी नहीं भरने दिया। विरोध के चलते महिला अधिकारी बैरंग लौट गई। मामले की कृषि रक्षा अधिकारी ने डीएम, सीडीओ हिमांशु खुराना, जिला कृषि अधिकारी डा. अभय सक्सेना को जानकारी दे दी है।
कृषि निदेशालय देहरादून ने आदेश जारी किया है कि बाजार में वियतनाम व चीन की पेस्टीसाइडयुक्त मच्छर मारने वाली अगरबत्ती बेचने की शिकायत मिल रही है। इसके नमूने लेकर जांच कराने को कहा गया है। इस पर कृषि रक्षा अधिकारी विधि उपाध्याय ने बुधवार को बाजार स्थित मनिहारी गली में एक पंसारी की दुकान पर पहुंची। मौके पर मौजूद अगरबत्ती के थोक विक्रेता ने भी नमूना लेने से मना कर दिया। इस बीच दुकानदार ने व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय जुनेजा को बुला लिया। जुनेजा ने मौके पर पहुंचकर महिला अधिकारी के साथ नोकझोंक व अभद्रता की। साथ ही नमूना न भरने देने पर अड़ गए और दुकानदारों से भी नमूना न देने को कहा। महिला अधिकारी के साथ अभद्रता की सूचना पर आसपास के व्यापारी भी मौके पर एकत्र हो गए। विरोध के चलते टीम नमूना नहीं ले सकी। टीम मच्छर मारने वाली अगरबत्ती के दो पैकेट साथ ले गई।
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दुकानदार अगरबत्ती का सैंपल देने को तैयार था। जैसे ही नमूना भरने की तैयारी की तो प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने मौके पर पहुंचकर नमूना लेने का विरोध किया और अभद्र भाषा का प्रयोग कर नोकझोंक की। मच्छर मारने वाली अगरबत्ती के दो पैकेट लिए गए हैं। हैदराबाद स्थित एनआइपीएचएम लैब में जांच के बाद पता चलेगा कि इसमें पेस्टीसाइड है या नहीं। उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद केस दर्ज कराया जाएगा।
-विधि उपाध्याय, कृषि रक्षा अधिकार यूएस नगर
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महिला कृषि रक्षा अधिकारी से कोई बात नहीं हुई है। महिला अधिकारी सरकारी वाहन में बैठी थीं, जबकि में दूसरे की दुकान में बैठा था।
-संजय जुनेजा, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल
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मच्छर मारने वाली अगरबत्ती सेहत के लिए घातक!
जासं, रुद्रपुर : कहीं बाजार में वियतनाम व चीन की मच्छर मारने वाली अगरबत्ती तो नहीं बेची जा रही है। इसमें पेस्टीसाइड होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में यह अगरबत्ती कहीं सेहत के लिए खतरनाक साबित न हो जाए। इस पर कृषि रक्षा अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। तराई में मच्छरों का प्रकोप है। दिन व रात में मच्छर हमला करते रहते हैं। मच्छर से बचने के लिए लोग मच्छरदानी, क्वायल व आलआउट का प्रयोग करते हैं। मगर यह ज्यादा प्रभावी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कुछ कंपनियां इसका फायदा उठाकर मच्छर मारने वाली अगरबत्ती तैयार कर रही हैं।
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पेस्टीसाइड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। संदिग्ध तौर पर बाजार में बिकने वाली मच्छर मरने वाली अगरबत्ती में यदि पेस्टीसाइड है तो यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे लोगों में सांस की बीमारी, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होने की संभावना बढ़ सकती हैं। बच्चों पर खास तौर पर ऐसे पेस्टीसाइड का प्रभाव अधिक होगा।
-डा.हरेंद्र मलिक, एसीएमओ व नगर अधिकारी