तेजस लीडरशिप में इकनोमिक सर्वे के पहलुओं पर डाला प्रकाश
काशीपुर आइआइएम ने वेबिनार पहल तेजस लीडरशिप टॉक सीरीज के लिए विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया।
जासं, काशीपुर: भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) ने वेबिनार पहल 'तेजस' लीडरशिप टॉक सीरीज के लिए गुरुवार को अतिथि वक्ता के रूप में भारत सरकार के ची़फ इकनोमिक एडवाइजर डा. केवी सुब्रमण्यन को आमंत्रित किया। उन्होंने इकनोमिक सर्वे के विभिन्न पहलुओं और विभिन्न क्षेत्रों पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला।
कॉरपोरेट रिलेशंस कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अनेक क्षेत्रों के विभिन्न उद्योगों और संस्थानों के प्रख्यात व्यक्ति अपनी इंडस्ट्री के अनुभवों को साझा करते हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ आशीष चौहान, केपीएमजी दुबई के बोर्ड सदस्य रिचर्ड रेखी, बजाज ऑटो के सीएफओ सौमेन रे समेत कई नामी लोगों ने विचार रखे।
डा. सुब्रमण्यन ने सत्र की शुरुआत करते हुए कहा कि इकनोमिक सर्वे यह बताता है कि कैसे बाजारों और निजी क्षेत्र को सक्षम बनाने से समृद्धि और नैतिक संपदा का निर्माण होता है। उन्होंने निजीकरण के संबंध में बड़े बदलावों के पीछे गहन सोच के महत्व पर भी जोर दिया। दीर्घकालिक जीडीपी विकास के तीन सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। बताया मॉनेटरी और फिस्कल नीति दोनों मांग और आपूíत को बढ़ाने के लिए कैसे मिलकर काम करते हैं, कैसे कैपिटल एक्सपेंडिचर और रेवेन्यू एक्सपेंडिचर अधिक इन्फ्लेशन के बिना विकास को सक्षम बनाता है और कैसे मल्टीप्लायर इ़फेक्ट बढ़ता है। जब सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर पर ध्यान देती है। शिकागो-बूथ से पीएचडी और एक शीर्ष-रैंकिग आइआइटी-आइआइएम के पूर्व छात्र डा. सुब्रमण्यन ने एक समृद्ध भारत के लिए एथिकल वेल्थ क्रिएशन की सराहना करते हुए इकनोमिक सर्वे लिखा है। उनका थालिनोमिक्स का विचार भारतीय बिग मैक इंडेक्स के रूप में मशहूर है। यह कांसेप्ट एक आम शाकाहारी या मांसाहारी व्यक्ति की थाली पर हुए खर्च का अंदाजा लगाता है। कोविड के दौरान निकाले गए आíथक पैकेज में डा. सुब्रमण्यम के इकनोमिक रिफॉर्म्स के कई विचारों का प्रयोग हुआ है।