पुलिस अफसरों से जेलों का अतिरिक्त प्रभार न हटा तो दायर करेंगे अवमानना वाद

काशीपुर में पुलिस विभाग के आइपीएस अधिकारियों को जेलों का अतिरिक्त प्रभार देने संबंधी आदेशों निरस्त होने पर भी पालन न होने पर उठाई आवाज।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:34 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 09:10 PM (IST)
पुलिस अफसरों से जेलों का अतिरिक्त प्रभार न हटा तो दायर करेंगे अवमानना वाद
पुलिस अफसरों से जेलों का अतिरिक्त प्रभार न हटा तो दायर करेंगे अवमानना वाद

जागरण संवाददाता, काशीपुर : पुलिस विभाग के आइपीएस अधिकारियों को जेलों का अतिरिक्त प्रभार देने संबंधी आदेशों को हाई कोर्ट ने 12 अप्रैल को निरस्त कर दिया है। इसके बाद भी अफसरों से जेलों का अतिरिक्त प्रभार नहीं हटाने पर हाई कोर्ट में पीआइएल दाखिल करने वाले अधिवक्ता ने सचिव गृह, मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक कारागार को पत्र भेजा है। कहा कि अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया तो मामले को लेकर दोबारा हाईकोर्ट में अवमानना का वाद दायर करेंगे।

फरवरी में शासन ने जेलों का अतिरिक्त प्रभार पुलिस विभाग के कुछ आइपीएस अधिकारियों को सौंप दिया था। ऐसे में रामचंद्र राजगुरु को सेनानायक 46वीं वाहिनी पीएसी के साथ-साथ वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार सितारगंज का प्रभार दिया गया। इसी तरह प्रहलाद नारायण मीणा को पुलिस अधीक्षक क्षेत्रीय हल्द्वानी के साथ उप कारागार हल्द्वानी का अधीक्षक बनाया गया। नवनीत सिंह को सेनानायक एडीआरएफ के साथ-साथ वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार हरिद्वार, श्वेता चौबे को पुलिस अधीक्षक पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड के साथ-साथ वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार देहरादून, प्रदीप कुमार राय को अपर पुलिस अधीक्षक यातायात हरिद्वार के साथ अधीक्षक उप कारागार रुड़की का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।

मामले को लेकर काशीपुर के अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश हाई कोर्ट चले गए। बताया कि हाई कोर्ट ने उनकी पीआइएल पर सुनवाई के बाद पुलिस अधिकारियों को जेलों का अतिरिक्त प्रभार देने संबंधी शासन के आदेशों को निरस्त कर दिया है। ऐसे में अफसरों से अतिरिक्त कार्यभार हटना चाहिए था। मगर 11 दिन बीत जाने के बावजूद इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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