कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए किया हवन
किच्छा में कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए राष्ट्रीय गोधन महासंघ की पहल पर गोलोक धाम कनकपुर में हवन का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, किच्छा : कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए राष्ट्रीय गोधन महासंघ की पहल पर गोलोक धाम कनकपुर में हवन का आयोजन किया गया। गोशाला प्रभारी नारद जोशी ने मंत्रोच्चारण के साथ हवन में आहूति दे कोरोना मुक्ति के लिए प्रार्थना की।
कृष्ण अष्टमी के पावन पर्व के दौरान राष्ट्रीय गोधन महासंघ ने देश की 19 हजार पांच सौ गोशाला के साथ ही घर में मंत्र का जापकर 108 आहूति देने का आह्वान किया था। इस दौरान विशेष रूप से गाय के गोबर से बने उपले प्रयोग करने का आह्वान किया गया था। महासंघ के आह्वान पर मंगलवार सुबह कनकपूर स्थित गोशाला गोलोक धाम पर विशेष हवन का आयोजन किया गया। हवन के दौरान गो काष्ठ का प्रयोग किया गया। गोशाला प्रभारी नारद जोशी ने नियमानुसार हवन सामग्री का प्रयोग कर कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने की मां भगवती से प्रार्थना की। कहा गाय का गोबर सदियों से घर के आंगन में कीटाणुओं से रक्षा के लिए प्रयोग होता आया है। हवन की सनातन परंपरा का निर्वहन घरों में कीटाणुओं को नष्ट करने के साथ ही वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव के लिए किया जाता है। इसके साथ ही हवन से उठता धुआं सदियों से वातावरण को शुद्ध करता आ रहा है। हमें अपनी सनातन परंपरा का निर्वहन करते हुए वातावरण में फैले हानिकारक तत्वों को नष्ट करने के लिए हवन का आयोजन करना चाहिए। हवन= हवन-यज्ञ से किया वातावरण शुद्धीकरण
जासं, रुद्रपुर : राष्ट्रीय गोधन महासंघ के आह्वान पर देश की गोशालाओं व घरों में लोगों ने हवन यज्ञ किया। इसी क्रम में यूएस नगर के शहरी व ग्रामीण अंचलों में भी कई लोगों ने हवन-यज्ञ किया।
रुद्रपुर में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर पांडे ने मंगलवार को परिवार के साथ घर पर हवन-यज्ञ किया। इसके बाद उन्होंने सुंदरकांड का पाठ किया। पांडे ने कहा कि गोमय के उपले से हवन यज्ञ करने से हवा में हानिकारक विषाणुओं व जीवाणुओं का नाश होता है। इससे वातावरण शुद्ध होता है। लोगों में सकारात्मक सोच भी पैदा होती है। पर्यावरण स्वच्छ होने पर सेहत पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने जिस तरह तबाही मचाई है, इससे लोगों में नकारात्मकता बढ़ गई है। ऐसे में हवन-यज्ञ करने से सकारात्मक सोच पैदा होगी। इसी तरह कई लोगों ने घरों में गोमय उपले से हवन यज्ञ किया। कहा कि हवन-यज्ञ का तो वेदों व पुराणों में भी जिक्र है।