स्वास्थ्य निदेशक ने वायरोलॉजी लैब की परखी व्यवस्था
स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं ने रुद्रपुर में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए की गई तैयारियों का किया निरीक्षण।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं ने कोरोना वैक्सीनेशन के लिए सभी को तैयार रहने के लिए कहा है। कहा कि वैक्सीन के लिए सरकारी स्तर पर दिन-रात प्रयास जारी है। ऐसे में वैक्सीनेशन कार्य में किसी भी तरह की बाधा से बचने के लिए पहले ही सभी तैयारियां आवश्यक हैं।
स्वास्थ्य निदेशक डॉ. शैलजा भट्ट शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे सीएमओ कार्यालय पहुंची। जहां उन्होंने सीएमओ डॉ. देवेंद्र सिंह पंचपाल व अन्य एसीएमओ की बैठक कर तैयारियों को परखा। मेडिकल कॉलेज परिसर पहुंची कुमाऊं निदेशक ने जिला अस्पताल व वायरोलॉजी लैब का निरीक्षण किया। निदेशक ने लैब में सैंपल जांच की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। डॉ. शैलजा भट्ट ने सीएमओ कार्यालय से ही कुमाऊं के सभी चिकित्सकों को वीडियो कांफ्रेसिग के जरिए संबोधित किया। इसमें उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त की। डॉ. शैलजा भट्ट ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। इससे वैक्सीन आने के बाद किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने पाए। इस मौके पर एसीएमओ डॉ. हरेंद्र मलिक, एसीएमओ डॉ. अविनाश खन्ना, एसीएमओ डॉ. उदय शंकर आदि मौजूद थे। राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में कैशलेस उपचार
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में कर्मचारियों व उनके आश्रितों को कैशलेस उपचार की सुविधा दी जा रही है। इसके लिए 30 रुपये में गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। कार्ड दिखाकर देश के उच्चस्तरीय करीब 50 चिकित्सालयों में इलाज कराया जा सकेगा। विकास भवन व पुलिस लाइन से जुड़े करीब 1500 कर्मचारियों के कार्ड बनाकर तैयार कर दिए गए हैं। कार्ड बनाने के कार्य में जुटे भास्कर जोशी ने बताया कि कर्मचारियों के आवेदन लगातार मिल रहे हैं। इस योजना में स्वायत्तशासी निकायों, सार्वजनिक उपक्रमों, प्राधिकरणों, विश्वविद्यालयों तथा अनुदानित संस्थाओं के कर्मचारियों के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्ड बनाए जाने हैं। इसमें सभी कार्मिकों व पेंशनरों से सीजीएचएस की दरों पर अंशदान लिए जाएंगे। अंशदान की कटौती प्रतिमाह वेतन व पेंशन से कर ली जाएगी। इस योजना में सभी प्रकार की बीमारियों के उपचार, अंग प्रत्यारोपण आदि की सुविधा दी गई है। ओपीडी में उपचार कराए जाने पर चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गई है, जिसमें प्रदेश के अंदर के साथ ही बाहर भी इलाज कराया जा सकता है।