खटीमा में दुलर्भ पैंगोलिन के नौ किलो शल्कों के साथ चार तस्कर दबोचे

खटीमा पुलिस ने लुप्तप्राय प्रजाति में शामिल पैंगोलिन के नौ किलो शल्कों-कवच के साथ चार तस्करों को पकड़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 12:15 AM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 12:15 AM (IST)
खटीमा में दुलर्भ पैंगोलिन के नौ किलो शल्कों के साथ चार तस्कर दबोचे
खटीमा में दुलर्भ पैंगोलिन के नौ किलो शल्कों के साथ चार तस्कर दबोचे

संवाद सहयोगी, खटीमा: पुलिस ने लुप्तप्राय प्रजाति में शामिल पैंगोलिन के नौ किलो शल्कों (कवच) के साथ चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपित खटीमा में किसी के माध्यम से तीस हजार रुपये किलो के हिसाब से बेचने यूपी से यहां पहुंचे थे। पकड़े गए आरोपितों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में निरुद्घ कर न्यायालय में पेश करने की तैयारी की जा रही है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह कुंवर के निर्देशन में कोतवाली पुलिस कर्मियों की एक टीम गुरुवार को बाहरी व्यक्तियों एवं संदिग्धों के सत्यापन अभियान में जुटी हुई थी। इस दौरान जब पुलिस कर्मियों को सूचना मिली कि कुछ लोग आरक्षित वन क्षेत्र में दुर्लभ प्रजाति के जीव के शल्कों को लेकर संदिग्ध अवस्था में घूम रहे हैं। इस पर पुलिस कर्मियों ने वन कर्मियों के साथ होटल पर्चवुड के पीछे स्थित वन क्षेत्र में छापामारी की। घेराबंदी कर उत्तर प्रदेश रामपुर बिलासपुर के हरजिंदर सिंह, प्रतापपुर नंबर सात के निरन्तर सिंह, उत्तर प्रदेश पीलीभीत माधोटांडा के रतन सिंह, देवीपुरा नानकमत्ता के उमेश सिंह को दबोच लिया। तलाशी लेने पर उनके कब्जे से चार प्लास्टिक के कट्टे मिले। जिनमें अलग-अलग करीब 9.262 किलोग्राम पैंगोलिन के शल्क मिले।

देर शाम को पुलिस क्षेत्राधिकारी मनोज ठाकुर एवं कोतवाल नरेश चौहान ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपित जंगलों में घूमकर पैंगोलिन का शिकार कर उसके कवच को एकत्र कर बेचने का धंधा करते है। उन्होंने बताया पैंगोलिन उत्तर प्रदेश के रामपुर में मारे थे। कवच लेकर वह बेचने की योजना बना रहे थे। पेंगोलिन दुर्लभ प्रजाति है। बताया जा रहा है इसका प्रयोग का दवाइयों में किया जाता है। आरोपितों को 51 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय पेश किया जा रहा है। टीम में कोतवाल नरेश चौहान, उपनिरीक्षक अरविंद बहुगुणा, आरक्षी तपेंद्र जोशी, महेंद्र डंगवाल, चंदर सिंह, मो.नासिर के अलावा वन विभाग के जागेश वर्मा, भैरव सिंह बिष्ट आदि मौजूद थे।

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